महाराष्ट्र

अब ‘नागपुरी खर्रा’ फंसा कार्रवाई के फेर में

नागपुर में एफडीए व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, 28 लाख का माल जब्त

नागपुर/दि.28– नागपुरी खर्रा और उसकी दीवानगी को लेकर हमेशा ही काफी चर्चाएं होती है तथा विदर्भ से बाहर शेष महाराष्ट्र में इसे लेकर कई तरह के मीम्स और रील्स बनाकर वायरल किये जाते है. जबकि अन्न सुरक्षा अधिनियम के मुताबिक पानमसाला, गुटखा व सुगंधित तंबाखू सहित खर्रा की विक्री और सेवन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इस बात पर शायद ही कोई विश्वास कर पाये, लेकिन यहीं सच है. ऐसे में नागपुर शहर सहित परिसर की गली-गली में बिकने वाले खर्रा के खिलाफ अब अन्न व औषधी प्रशासन (एफडीए) व पुलिस प्रशासन ने साथ मिलकर कार्रवाई करनी शुरु कर दी है तथा विगत 25 दिन के दौरान की गई विभिन्न कार्रवाईयों में 28 लाख 9 हजार 628 रुपए का स्टॉक भी जब्त किया गया.
बता दें कि, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रहने के चलते राज्य सरकार ने अन्न सुरक्षा मानदे कानून अंतर्गत सन 2012 से खर्रा के उत्पादन और विक्री पर प्रतिबंधित लगाया गया है. जिसके तहत किसी भी द्वारा खर्रा की विक्री किये जाने पर उसके खिलाफ सीधे अदालत में मुकदमा दायर किया जाता था तथा आर्थिक दंड सहित कारावास की सजा भी सुनाई जाती है. इस आदेश में साफ तौर पर लिखा है कि, यदि कोई भी खर्रा खाकर सार्वजनिक स्थान पर थूकता है, तो उससे 1 हजार रुपए का दंड वसूल किया जाएगा. साथ ही खर्रा, तंबाखू व सुगंधित सुपारी की निर्मिति, स्टॉक, वितरण, ढुलाई व विक्री करने वाले व्यक्ति के खिलाफ 5 हजार रुपए का दंड वसूला जाएगा.
कानून में इस तरह के कडे प्रावधान रहने के बावजूद भी इस प्रतिबंधित खर्रा की नागपुर शहर सहित परिसर में धडल्ले के साथ विक्री हुआ करती थी. जिसे देखते हुए तत्कालीन मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने भी खर्रा के खिलाफ कार्रवाई की मुहिम शुरु की थी. जो समय बाद ठंडे बस्ते में चली गई थी. वहीं अब इस अभियान को एक बार फिर पूरे जोश के साथ शुरु किया गया है. जिसके तहत नागपुर शहर सहित जिले के अलग-अलग हिस्से से नागपुरी खर्रें का 9 हजार 445 किलो स्टॉक जमा किया गया है. साथ ही सोमवार को वाडी परिसर से 14 लाख 80 हजार रुपए का प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया गया है. 1 अप्रैल से अक्तूबर माह से 7 माह दौरान की गई 60 कार्रवाईयों में 3 करोड 75 लाख 82 हजार रुपए मूल्य का 29 हजार 915 किलो प्रतिबंधित साहित्य जब्त किया गया है.

* क्या कहता है नियम?
यदि किसी भी पानठेले में सुपारी, साधा तंबाखू व चूना जैसे तीनों घटक अलग-अलग रखे जाते है, तो उस पर कोई पाबंदी नहीं है. लेकिन यदि तीनों को एकत्रित कर खर्रा तैयार करने पर पाबंदी है. साथ ही सुगंधित तंबाखू तो पूरी तरह से प्रतिबंधित ही है. वहीं साधा तंबाखू एफडीए अंतर्गत नहीं आता, बल्कि उसकी सिगरेट एण्ड टोबैको उत्पादों में गिनती की जाती है. इसी तरह आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ राज्यों में गुटखा पर पाबंदी है. परंतु पान मसाला व सुगंधित तंबाखू की विक्री पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है. वहीं महाराष्ट्र में गुटखा सहित पानमासाला व सुगंधित तंबाखू की विक्री पर भी प्रतिबंध है. यहीं वजह है कि, पडोसी राज्य से नागपुर में चोरी छिपे ढंग से पानमसाला व सुगंधित तंबाखू को विक्री हेतु लाया जाता है.

Back to top button