अब फिर से एक बार सरपंच, नगराध्यक्ष सीधे जनता से चुने जाएंगे?
विधायक बच्चू कडू ने चांदूर बाजार में कहा
मुंबई/दि.6– अब फिर से एक बार नगराध्यक्ष एवं सरपंच का चयन सीधे जनता से होने की संभावना है. महाविकास आघाड़ी सरकार ने इसे स्थगिती देते हुए पहले का तरीका फिर से लागू किया था. जिसमें चुनकर आये सदस्यों में नगराध्यक्ष का चयन किया जाता था. मात्र अब नई सरकार सत्ता में आते ही यह नियम बदलने की संभावना है. अब सीधे सरपंच व नगराध्यक्ष का चयन भी जनता के बीच से हो सकता है. इस बाबत भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने जानकारी दी है. नगराध्यक्ष जनता के बीच से न चुनते हुए सदस्यों में से चुनने पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता है. वहीं स्थानिक स्वराज्य संस्था अस्थिर बनती है. जिसके चलते नगराध्यक्ष का चयन सीधे जनता के बीच से हो, ऐसी मांग मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से किये जाने की बात बावनकुले ने कही है. वहीं उन्होेंने इस समय ओबीसी आरक्षण को लेकर भी महाविकास आघाड़ी पर टिप्पणी की है.
* क्या कहा बावनकुले ने?
राज्य में जब भाजपा की सरकार थी, उस समय नगराध्यक्ष का चयन सीधे जनता के बीच से हो, इस बाबत कानून बनाया गया था. मात्र इसके बाद महाविकास आघाड़ी सरकार सत्ता में आयी और उन्होंने इस निर्णय को स्थगिती दी. जिसके चलते फिर से एक बार नगराध्यक्ष का चयन यह चयनीत सदस्यों में से होने लगा. मात्र इस निर्णय के कारण स्थानिक स्वराज्य संस्था अस्थिर बनती है. वहीं भ्रष्टाचार भी बढ़ता है. इसलिए फिर से एक बार पहले की तरीका लागू किया जाये, नगराध्यक्ष का चयन यह जनता के बीच से ही किया जाये, ऐसी मांग मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से की है. आगामी अधिवेशन में पहले ही दिन इस बाबत निर्णय लिया जाये, ऐसा भी उन्होंने कहा है.
* ओबीसी आरक्षण पर साधा निशाना
दरमियान इस समय चंद्रशेखर बावनकुले ने ओबीसी आरक्षण पर से भी महाविकास आघाड़ी पर निशाना साधा है. महाविकास आघाड़ी में झाड़ी के शुक्राचार्य है. उन्होंने ओबीसी आयोग का काम गंभीरतापूर्वक नहीं किया. मध्य प्रदेश सरकार की तरह महाविकास आघाड़ी सरकार ने प्रयास नहीं किया. ऐसा आरोप बावनकुले ने किया है. शिंदे एवं फडणवीस सरकार ने पहले ही कैबिनेट में इस बाबत बैठक ली. ओबीसी का अचूक डाटा तैयार करने के लिए शीघ्र ही काम की शुरुआत की जाएगी. बावनकुले ने कहा कि मुझे विश्वास है कि सरकार ओबीसी समाज को न्याय देगी.