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अब कोरोना से उब गये हैं लोग, हमने ही 10 करोड वैक्सीन फेंक दी

अदार पूनावाला ने दी जानकारी

मुंबई/दि.21- करीब दो वर्ष तक पूरी दुनिया कोरोना की संक्रामक महामारी से जूझती रही और इस बीमारी से हर कोई भयभीत रहा. लेकिन अब धीरे-धीरे इस बीमारी का खतरा घटता गया. साथ ही अब ऐसे हालात बन गये है कि, लोग इस बीमारी के नाम से उब गये है और इस बीमारी से बिल्कुल भी नहीं घबरा रहे. जिसकी वजह से टीकाकरण की रफ्तार पूरी तरह से सुस्त हो गई है. यही वजह है कि, सीरम इन्स्टिट्यूट ने विगत वर्ष दिसंबर माह में ही कोविशिल्ड का उत्पादन करना बंद कर दिया था. साथ ही पडे-पडे कालबाह्य हो चुकी कोविशिल्ड वैक्सीन के 10 करोड डोज को फेंकते हुए नष्ट कर दिया गया.
अपने द्वारा उत्पादित कोविशिल्ड वैक्सीन का उत्पादन बंद कर दिये जाने और इस वैक्सीन के 10 करोड डोज नष्ट कर दिये जाने की जानकारी देने के साथ ही अदार पूनावाला ने कहा कि, अब हर किसी को प्रतिवर्ष या प्रत्येक दो वर्ष में कोविड व फ्ल्यू की प्रतिबंधात्मक वैक्सीन नियमित रूप से लेनी ही होगी. चूंकि अब कोविशिल्ड का उत्पादन बंद कर दिया गया है. ऐसे में को-वैक्सीन को ही बूस्टर डोज के तौर पर मान्यता मिल सकती है. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि, वे ओमिक्रॉन वेरियंट कें खिलाफ वैक्सीन विकसित करने हेतु अमरीका की नोवा वैक्स कंपनी के साथ भागीदारी कर रहे है और उनके द्वारा उत्पादित कोवोवैक्स का परीक्षण हो चुका है. जिसके बूस्टर शॉट को आगामी 10-15 दिनों में मंजुरी मिल सकती है. इसके अलावा सीरम कंपनी इस समय अमरीकन फर्म कोडाजेनिक्स के साथ सिंगल डोज इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन पर भी काम कर रही है. अदार पूनावाला के मुताबिक एक्सबीबी तथा ओमिक्रॉन जैसे सब वेरियंटस् की वजह से दुनिया को कोविड संक्रमण की एक और लहर का सामना करना पड सकता है. ऐसी संभावना विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जताई जा चुकी है. जिसे ध्यान में रखते हुए पहले से ही प्रतिबंधात्मक उपाय किये जा रहे है.

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