अमरावतीमहाराष्ट्र

अब पॉली, इंजीनियरिंग के पर्चे मराठी में दे सकेंगे

उच्च सदन में विधेयक मंजूर

* जर्मनी भेजे जायेंगे युवा
अमरावती/दि.01-महाराष्ट्र में इंजीनियरिंग पॉलिटेक्नीक जैसे पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए मराठी भाषा में भी पढाई कर सकेंगे. आईआईटी बॉम्बे ने एआई का एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है. इससे उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रोफेसर यदि अंग्रेजी भाषा में पढायेंगे. तब भी विद्यार्थी मराठी में उसका अनुवाद सुनकर सीख सकेंगे. रियल टाइम में अंग्रेजी से मराठी भाषा में अनुवाद हो सकेगा.

गुरूवार को विधान परिषद में उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने एआई की मदद से पढाई के विषय में जानकारी दी. पाटील ने सदन में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2024 पेश किया. सदन में इस विधेयक को मंजूरी मिल गई है. जबकि विधानसभा में 28 फरवरी को ही विधेयक पारित हो गया था. इससे रायगढ के लोणेरे में स्थित आंबेडकर टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक वर्ष में पॉलिटेक्नीक और इंजीनियरिंग समेत अन्य पाठयक्रमों की अंग्रेजी के अलावा अब मराठी भाष में भी पढाई हो सकेगी. विद्यार्थियों के लिए मराठी भाषा में पढाई एच्छिक होगी. विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान पाटील ने कहा कि राज्य सरकार अपने खर्च से सभी महाविद्यालयो को नए शैक्षणिक सत्र जून से मराठी भाषा में पढने के लिए विद्यार्थियों के बीच अभियान चलाने के लिए कहा जाएगा.

* मराठी में तैयार की गई किताबें
मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सूचित किया कि पोलेटेक्नीक और इंजीनियरिंग, कला विज्ञान तथा वाणिज्य संकाय की सभी पुस्तके मराठी भाषा में तैयार कर ली गई है. एआई के आने से विद्यार्थियों को मराठी भाषा में पढाना सरल हो जायेगा.

* जर्मनी में 4 लाख युवकों की आवश्यकता
पाटिल के अनुसार जर्मनी में 4 लाख युवाओं की आवश्यकता हैं. उन्हें इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्नीक तथा आयटीआई के विद्यार्थी चाहिए. पहले वर्ष में जर्मनी को 40 हजार युवा उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. सरकार जर्मनी जानेवाले युवकों को टिकट किराया, पासपोर्ट और वीजा नि:शुल्क उपलब्ध करवायेगी.

* सभी देशों में अंग्रेजी नहीं
उप सभापति नीलम गोर्‍हे ने कहा कि विश्व के प्रत्येक देश में अंग्रेजी भाषा का उपयोग नहीं होता. विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में जल्दी सीखते हैं. इसलिए नई शुरूआत की जा रही है. मराठी भाषा में कठिन विषय विद्यार्थी भली प्रकार पढ लेंगे.

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