महाराष्ट्र

अब श्री साईं बाबा की चर्मपादुका के तीन राज्य में होंगे दर्शन

विपक्ष की याचिका को खंडपीठ ने खारिज कर दिया

छत्रपति संभाजीनगर/दि.11श्री साईबाबा संस्थान की ओर से श्री साईबाबा की चर्मपादुका को शिरडी से तीन राज्यों में दर्शन के लिए ले जाने का निर्णय लिया गया. बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि इससे बाबा की पादुका खराब हो जाएंगी और उन्हें राज्य से बाहर ले जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. न्यायमूर्ति मंगेश पाटिल और न्यायमूर्ति प्रफुल्ल खुबालकर ने संबंधित याचिका को खारिज कर दिया.
श्री साईं बाबा के चर्मपादुका के तीन सेट शिरडी के मंदिर में हैं. 1 पादुका मंदिर में रखी गई है जबकि अन्य दो सेट मंदिर के संग्रहालय में रखे गए हैं. संग्रहालय में चमडे की 2 पादुकाओं में से एक को वहीं रखा गया है, जबकि दूसरी पादुका को भक्तों के दर्शन के लिए अन्यत्र ले जाया जाता है. शिरडी की पादुकाओं का दर्शन होने के लिए देश के विभिन्न श्री साईं बाबा संस्थान चर्मपादुका के दर्शन की मांग करते हैं. इस बार तीन राज्यों से चर्मपादुकाओं के दर्शन के लिए विभिन्न श्रीसाईं मंदिरों से अनुरोध आए थे. इसी के तहत श्री साईं बाबा संस्थान शिरडी की ओर से चर्मपादुका दूसरे राज्यों में ले जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया.
संबंधित पादुका अन्य राज्य में ले जाने कोपरगांव के संजय काले और और शिरडी के समाजसेवी संदीप कुलकर्णी ने विरोध किया. मुंबई उच्च न्यायालय के औरंगाबाद खंडपीठ में दायर याचिका में दिवानी आवेदन पेश किया गया.
एड. सतीश तालेकर एवं एड. अजिंक्य काले ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखा. श्री साईं बाबा संस्थान शिरडी की ओर से एड. अनिल बजाज ने मामले की पैरवी की. उन्हें एड. राम मालाणी एवं एड.विधान खिवंसरा ने सहयोग किया. एड. बजाज ने 1993 से, श्री साईबाबा की पादुका मांग पर भक्तों के दर्शन के लिए श्री साईं बाबा की पादुकाएं बाहर निकाली जाती है, ऐसा कहा. 2018 में श्री साईं बाबा की 100वीं पुण्य तिथि के पर मर्सिडीज बेंज कंपनी की एक बस का रथ बनाया गया है. संबंधित रथ में वातानुकूलित केबिन उपलब्ध कराया गया है. इसमें सुरक्षित रूप से चर्मपादुका रखी जाती है. भक्तों को बाहर से दर्शन करना पडता है, ऐसा युक्तिवाद संस्थान की ओर से इस समय किया गया.
* पादुकाओं को कोई छू नहीं सकता
पादुकाओं को कोई छू नहीं सकता और कडी सुरक्षा के बीच उन्हें वहीं रखा जाता है जहां श्री साईं बाबा का मंदिर है. पादुकाओं को मुंबई और अन्य स्थानों पर ले जाया जाता है. इस साल राज्य के बाहर से निमंत्रण आया है. इसलिए कहीं भी पादुकाओं का अपमान नहीं होगा. और पादुका खराब भी नहीं होंगी. ये वास्तव में श्री साईं बाबा द्वारा उपयोग की जाने वाली पादुकाएँ हैं. जैसे ही पीठ ने याचिका खारिज की, अब भक्तों को तीन राज्यों में श्री साईं बाबा की चर्मपादुका के दर्शन का रास्ता साफ हो गया है.

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