मुंबई /दि. 23– प्रदेश में तीन दलो के गठजोड वाली महायति सरकार चला रहे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मंत्रियों को विभाग बांटने के लिए इस बार लगभग सात विभागो का बंटवारा करना पडा. इससे प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों को कम वजनदार विभाग से ही संतोष करने की नौबत आई है. प्रदेश में पूर्व की शिंदे सरकार में जलसंसाधन मंत्री मौजूदा मुख्यमंत्री फडणवीस थे. उनके पास जलसंसाधन विभाग के अधिन आनेवाले पांचो सिंचाई महामंडलो की जिम्मेदारी थी. लेकिन अब मुख्यमंत्री ने जलसंसाधन विभाग को विभाजीत कर दिया है. उन्होंने प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल को गोदावरी और कृष्णा घाटी विकास महामंडल का प्रभार सौंपा है. जबकि प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री गिरीश महाजन को विदर्भ , तापी, कोकण विकास महामंडल का जिम्मा सौंपा है. यानी मुख्यमंत्री ने जलसंसाधन विभाग को दो हिस्सो में बांट दिया.
पूर्व की सरकार में विखे पाटिल प्रदेश के राजस्व और महाजन ग्रामीण विकास मंत्री थे. दोनों मंत्रियों के पास वजनदार विभाग थे. लेकिन अब विखे पाटिल को दो सिंचाई महामंडल और महाजन को तीन सिंचाई महामंडल की जिम्मेदारी दी गई है. पूर्व की महायुति सरकार में प्रदेश का आपदा प्रबंधन, मदद व पुनर्वसन केवल एक मंत्री अनिल पाटिल के पास था. लेकिन अब फडणवीस सरकार में मदद व पुर्वसन मंत्री मकरंद जाधव बनाए गए है. वहीं आपदा प्रबंधन विभाग गिरीश महाजन को दिया गया है. पूर्व सरकार में फडणवीस के पास उर्जा विभाग का जिम्मा था. लेकिन अब फडणवीस ने उर्जा विभाग अपने पास रखा है . मगर अपारंपारिक उर्जा विभाग की जिम्मेदारी अतुल सावे को दी है. पूर्व की शिंदे सरकार में प्रदेश के पशुसंवर्धन तथा दूग्ध व्यवसाय विकास मंत्री विखे पाटिल थे. लेकिन अब प्रदेश की पशु संवर्धन मंत्री पंकजा मुंडे होगी. जबकि दूग्ध व्यवसाय विकास विभाग के मंत्री अतुल सावे होगे. पूर्व में महायुति की सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पास सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग की जिम्मेदारी रखे हुए थे. राकांपा (अजित) के सरकार में शामिल होने के बाद इस विभाग को दो हिस्सो में बांटा गया था. इस बार सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाठ को बनाया गया है. वहीं विशेष सहकारिता विभाग के मंत्री नरहरी झिरवाल है. पूर्व की सरकारो में मुख्यमंत्री सामान्य प्रशासन विभाग के साथ ही सूचना प्रोद्योगिकी (आईटी) विभाग अपने पास रखते थे. क्योंकि आईटी विभाग का कामकाज सामान्य प्रशासन विभाग के अधिन आता है. लेकिन अब आईटी विभाग के लिए अलग से मंत्री आशीष शेलार को बनाया गया है.
* इन विभागो का हुआ विभाजन
पहले अब
जलसंसाधन 1. जलसंसाधन (गोदावरी और कृष्णा घाटी विकास महामंडल)
2. जलसंसाधन ( विदर्भ, तापी, कोकण विकास महामंडल)
मदद व पुनर्वसन, आपदा प्रबंधन 1. मदद व पुनर्वसन
2. आपदा प्रबंधन
ऊर्जा 1. ऊर्जा
2. अपारंपारिक ऊर्जा
पशुसंवर्धन, दूग्ध व्यवसाय विभाग 1. पशुसंवर्धन
2. दूग्ध व्यवसाय विकास विभाग
सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग 1. सामाजिक न्याय
2. विशेष सहायता विभाग
सामान्य प्रशासन व सूचना प्रोद्योगिकी 1. सामान्य प्रशासन
2. सूचना प्रोद्योगिकी(आईटी)
* विभाग कम मिले थे इसीलिए हुआ विभाजन
प्रदेश में गठबंधन की सरकार में दलो को अपने हिस्से में आए विभागो में से अपने दल के मंत्रियों को विभाग देना होता है. मुख्यंत्री ने सभी मंत्रियों को न्याय देने की दृष्टि से भाजपा के हिस्से में आए विभागो का विभाजन किया है. एक विभाग में दो-दो मंत्रियों के होने पर कामकाज को गति मिलती है. राज्य में तीन दलो की सरकार है. सभी मंत्रियों को प्रभार देने के लिए कुछ विभागो का विभाजन किया गया है.
चंद्रशेखर बावनकुले, प्रदेश भाजपाध्यक्ष
* मुझे जो विभाग मिला उससे मैं संतुष्ट
मेरे पिता बालासाहब विखे पाटिल ने कोकण के समुद्र में बहकर जानेवाले पानी को गोदावरी घाटी में मोडने का सपना देखा था. मुख्यमंत्री ने इस परियोजना का प्रारुप तैयार किया है. मेरे पिता का सपना पूरा होने का समय आ गया है. इससे मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री ने जानबुझकर मुझे इस विभाग की जिम्मेदारी दी है. जिससे मैं संतुष्ट हूं.
राधाकृष्ण विखे पाटिल, कैबीनेट मंत्री
* मंत्री ज्यादा विभाग कम
राज्य में भाजपा मंत्री ज्यादा है और विभाग कम है. इसीलिए कई विभागो का विभाजन करना पडा है. लेकिन मुझे अपने विभागो को लेकर कोई नाराजगी नहीं है.
गिरीश महाजन, कैबीनेट मंत्री.