अब विद्यार्थी भारत में रहकर ही विदेशी पाठ्यक्रम कर सकते है
यूजीसी की नियमावली, प्रवेश प्रक्रिया, शुल्क निर्धारित करने की छूट
मुुंबई दि. 6– विदेश में प्रसिध्द अथवा वैश्विक क्रमवारीनुसार लगभग 500 विद्यापीठ के लिए भारत में शैक्षणिक बाजार के दरवाजे अब पूरी तरह खुल गए है. भारत में विद्यापीठ के लिए होनेवाले नियम, आरक्षण, शुल्क नियम विदेशी विद्यापीठ को लागू न होने का विद्यापीठ अनुदान आयोग ने गुरूवार को स्पष्ट किया.
विद्यापीठ अनुदान आयोग ने नियमावली का अंतरिम ब्यौरा तैयार किया है. उस पर आयी सूचना, हरकत का विचार कर वह महिना आखिर अंतिम किया जायेगा. आयोग के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने गुरूवार को पत्रकार परिषद मेें इस संबंध में जानकारी दी.
फिलहाल साधारण 18 लाख भारतीय विद्यार्थी विदेश में शिक्षा ले रहे है. विदेश की विद्यापीठ की ओर दौड लगानेवाले भारत में रहकर ही विदेश विद्यापीठ में पढने की छूट आगामी समय में मिल सकेगी. विद्यापीठ की वैश्विक क्रमवारी में पहले 500 विद्यापीठ में स्थान प्राप्त करनेवाले विद्यापीठ भारत में केन्द्र अथवा शाखा शुरू कर सकते है. सर्वसाधारण क्रमवारी, विद्याशाखा निहाय अथवा विषय निहाय क्रमवारी में इसमें से कोई भी क्रमवारी में पहले 500 विद्यापीठ में स्थान प्राप्त करनेवाले विद्यापीठ इसके लिए पात्र रहेंगे. उसी प्रकार क्रमवारी में शामिल न होनेवाले प्रसिध्द विद्यापीठ भी पात्र रहेंगे. प्रवेश प्रक्रिया,शुल्क निर्धारित करने का अधिकार विद्यापीठ को रहेगा. उस पर आयोग के अथवा अन्य अधिकार मंडल का कोई भी नियंत्रण नहीं रहेगा. किंतु भारत में विद्यापीठ को प्रत्यक्ष वर्ग भरना पडेगा. ऑनलाइन अथवा दूर शिक्षा क्लास शुरू करने में आयोग ने मज्जाव किया है. विद्यार्थियों के लिए अभ्यासवृत्ति योजना बनाने की छूट विद्यापीठ को है. किंतु उसका आर्थिक प्रावधान भी विद्यापीठ को करना है. शुरूआत में 10 साल के लिए अनुमति दी जायेगी.
फिलहाल यूरोप के अनेक विद्यापीठ ने भारत में शाखा शुरू करने संबंध में उत्सुकता दर्शायी है. लाखों भारतीय विद्यार्थी हर साल विदेश शिक्षा के लिए जाते है. वे भारत में रहकर विदेशी विद्यापीठ का पाठ्यक्रम कर सकते है. उनका खर्च कम होगा. भारत में शाखा ने दी पदवी और विद्यापीठ के मूल शाखा की पदवी समकक्ष हो और शैक्षणिक दर्जा रखा जाए ऐसी शर्त इस विद्यापीठ को लगाई जायेगी. विद्यापीठ की शाखा शुरू करते समय अथवा बंद करते समय आयोग की अनुमति लेना अनिवार्य है. जिसके कारण अचानक पाठ्यक्रम बंद करने के कारण विद्यार्थियों का नुकसान नही होगा. ऐसा एम जगदेश कुमार ने बताया.
* विदेशी विद्यार्थियों को भी प्रवेश
भारत में स्थापित हुए विदेशी विद्यापीठ में भारतीय विद्या के साथ ही विदेशी विद्यार्थियों को भी प्रवेश दिया जायेगा. जिसके कारण भारत में इन विद्यापीठ की शाखा शुरू हो गई है. लेकिन वैश्विक प्रतियोगिता का मुकाबला कर विद्यार्थियों को प्रवेश लेना पडेगा.
ब्यौरा अंतिम होेकर नियम लागू होने के बाद विदेशी विद्यापीठ ने आयेाग की ओर आवेदन करना है. इसके बाद 45 दिन में अंतरिम मंजूरी मिलेगी. उसके बाद प्रत्यक्ष अध्यापन शुरू करने के लिए दो साल की मुदत दी गई है. उसके बाद इस बार विद्यापीठ ने आवेदन करने पर उसका पाठ्यक्रम 2025 से शुरू हो सकता है.
नियम किस पर लागू
– विद्यापीठ की शाखा शुरू करते समय अथवा बंद करते समय अनुदान आयोग की अनुमति आवश्यक
– भारत में शाखा शुरू करने के लिए अर्थिक सक्षमता हो
-आयोग की ओर वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य
– आवश्यक मूलभुत सुविधा उभारने की जिम्मेदारी विद्यापीठ पर
– विदेशी निधी निवेश संबंध में कानून का पालन आवश्यक
– पाठयक्रम शुरू करने से पूर्व दो महिने विद्यापीठ उनकी सूचनापत्र संकेतस्थल पर घोषित करना आवश्यक
– विद्यापीठ की जांच करने के, नियम भंग करने पर सजा देने का अधिकार आयोग को