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मंत्रीमंडल की बैठक में विपक्ष से मिले अधिकारियों पर फूटा गुस्सा
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रश्मि शुक्ला, परमबीर सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार
मुंबई/दि.25 – भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी राज्य की उध्दव ठाकरे सरकार का गुस्सा अधिकारियों पर फूटा है. बुधवार को राज्य मंत्रीमंडल की बैठक में मंत्रियों ने विपक्ष तक जानकारी पहुंचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. कैबिनेट बैठक में फोन टैपिंग मामले में खुफिया विभाग की पूर्व आयुक्त रश्मि शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी.
करीब तीन घंटे तक चली राज्य मंत्रीमंडल की बैठक में आरोपों से घिरे गृहमंत्री अनिल देशमुख भी पहुंचे. उन्होंने आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह व्दारा लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए कुछ अधिकारियों की कार्य प्रणाली की आलोचना की. बैठक के बाद राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि मंत्रीमंडल की बैठक में गृहमंत्री देशमुख ने सारी बातों से अवगत कराया. मलिक ने कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
रश्मि शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग
सूत्रों के अनुसार बैठक में गृह निर्माण मंत्री जीतेंद्र आव्हाड ने रश्मि शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि शुक्ला ने महा विकास आघाडी सरकार को बदनाम करने की साजिश की है. बाद में आव्हाड ने ट्वीट कर कहा कि रश्मि शुक्ला ने बगैर अनुमति के फोन टेप किए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कैबिनेट बैठक में कहा कि ऐसे ही फोन टेप होते रहे तो हम काम कैसे करेंगे? सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने कहा कि कुछ अधिकारियों को समझने में हमसे गलती हो गई. कैबिनेट की बैठक के बाद जयंत पाटील, अनिल देशमुख दिलीप वलसे पाटील, छगन भुजबल, जीतेंद्र आव्हाड, नवाब मलिक, सुभाष देसाई मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा पहुंचे. राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी को भी इस बैठक में बुलाया गया था. सूत्रों के अनुसार रश्मि शुक्ला व परमबीर सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विकल्पों पर चर्चा की गई.