महाराष्ट्र

अब विद्यार्थियों के मांग के मुताबिक होगी परीक्षा

साल में बोर्ड परीक्षाएं होगी दो बार

* शिक्षा बोर्ड बदलेगा परीक्षा का मौजूदा पैटर्न
मुंबई/दि.24– विद्यार्थियों को उनकी मांग के मुताबिक परीक्षा देने का मौका मिल सकता है साथ ही वे साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे और जिस परीक्षा में अच्छे नंबर होंगे उसे रख सकेंगे. अगर राज्य में नई शिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ, तो विद्यार्थियों को इस तरह की कई सहूलियतें मिल सकतीं हैं. इसके अलावा दसवीं और बारहवीं की मौजूदा परीक्षा व्यवस्था में भी बदलाव की सिफारिश करते हुए इस तरह की परीक्षाएं ली जाएंगी, जिससे विद्यार्थियों की याद करने की क्षमता के बजाय उनके कौशल की जांच हो. नई शिक्षा नीति के मुताबिक राज्य के पाठ्यक्रमों में इस तरह के बदलाव की तैयारी की जा रही है. राज्य शैक्षणिक शोध व प्रशिक्षण परिषद ने तीसरी से बारहवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार कर लिया है. यह प्रारुप परिषद की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है और इस पर लोगों से उनकी राय मांगी गई है. परिषद की वेबसाइट पर राय देने के लिए गूगलफॉर्म उपलब्ध है साथ ही परिषद के पते पर पोस्ट के जरिए भी राय भेजी जा सकती है. परिषद के निदेशक राहुल रेखावार के मुताबित आम लोगों से लेकर शिक्षविद तक कोई भी प्रारूप पर अपनी राय दे सकता है. 3 जून तक लोग बदलावों के लेकर अपने सुझाव या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

* इस तरह का होगा पाठ्यक्रम
नए प्रारुप में आठ साल से 11 साल के विद्यार्थी की पढ़ाई पूर्व तैयारी वर्ग में रखा गया है जिसके तहत दो भाषाओं के साथ गणित, कला, शारीरिक शिक्षा के साथ विद्यार्थियों में कौशल विकास पर भी जोर दिया जाएगा. 11 से 14 साल के विद्यार्थियों को तीन भाषाओं के साथ गणित, कला, शारीरिक शिक्षा, विज्ञान, समाजशास्त्र जैसे विषयों की पढ़ाई करनी होगी साथ ही इस दौरान भी कौशल विकास पर जोर होगा. 14 से 18 आयुवर्ग के विद्यार्थियों के लिए तीन भाषा पढ़नी होगी जिनमें दो भारतीय भाषा और एक विदेशी भाषा होगी. नौवीं और दसवीं के विद्यार्थियों के लिए तीन भाषाएं अनिवार्य होंगे साथ ही गणित, विज्ञान जैसे दूसरे सात विषयों का भी विकल्प दिया जाएगा.

* 11 वीं व 12 वीं के विद्यार्थी तय करेंगे क्या पढ़ना है
– तीन में से दो समूहों को चुनना होगा जरुरी
नई शिक्षा नीति के तहत जो प्रारुप तैयार किया गया है, उसमें ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अपना पाठ्यक्रम चुनने की इजाजत होगी. पहले की तरह विद्यार्थियों के सामने कला, वाणिज्य, विज्ञान जैसे संकाय विभाजन नहीं होंगे, बल्कि वे अपनी पसंद के विषय चुन सकेंगे. विद्यार्थियों को दो भाषाएं पढ़नी होगी. साथ ही विषयों के तीन समूहों में से दो समूह चुनने होंगे और चार विषय पढ़ने होंगे. पांचवां विषय वैकल्पिक होगा. परिषद ने 330 पेज का प्रारुप वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है जिसमें पाठ्यक्रम में होने वाले बदलाव की विस्तृत जानकारी दी गई है.

Related Articles

Back to top button