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अब पूरे 5 वर्ष पद पर रहेंगे नगराध्यक्ष

शिंदे सरकार ने ढाई वर्ष के कार्यकाल को बढाया

* कैबिनेट बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय
मुंबई/दि.13 – जैसे-जैसे विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे सीएम शिंदे के नेतृत्ववाली महायुति सरकार द्वारा विपक्ष को मुश्किलों में डालने हेतु एक के बाद एक धडाधड महत्वपूर्ण निर्णय लिये जा रहे है. जिसके तहत आज हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 8 महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये. जिसमें सबसे प्रमुख निर्णय नगराध्यक्षों के कार्यकाल को ढाई वर्ष से बढाकर 5 वर्ष करने का रहा.
उल्लेखनीय है कि, ओबीसी आरक्षण का मसला सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित रहने के चलते राज्य में लंबे समय से स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव अटके पडे है. ऐसे में विपक्ष द्वारा आरोप लगाया जाने लगा कि, अपनी संभावित हार को देखते हुए सरकार जानबूझकर स्थानीय स्वायत्त निकायों का चुनाव लेना टाल रही है. इसी बीच शिंदे सरकार ने नगराध्यक्षों के कार्यकाल को ढाई वर्ष से बढाकर 5 वर्ष कर दिया है. साथ ही विदर्भ एवं मराठवाडा के लिए भी दो निर्णय लिये गये है. मराठवाडा में खालसा हुई वर्ग 2 की इनाम और देवस्थान की जमीनों ेको वर्ग 1 करने का निर्णय लिया गया है. जिसका लाखों नागरिकों को लाभ होगा. साथ ही विदर्भ व मराठवाडा में दुग्धविकास को गतिमान करने हेतु 149 करोड रुपयों की निधि को मान्यता दी गई है.
इसके अलावा निजी व सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सेवानिवृत्त प्राध्यापकों को ठोक मानधन देने, तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वैद्यकीय प्रतिपूर्ति योजना देने, यंत्र करघा को अतिरिक्त विद्युत दर सहूलियत हेतु पंजीयन की शर्त मार्च 2025 तक शिथिल करने, 6 हजार किमी सडक के कांक्रिटीकरण हेतु 37 हजार करोड के खर्च को मान्यता देने तथा सौर उर्जा प्रकल्प हेतु कर्ज के लिए केएफडब्ल्यू कंपनी से स्थिर ब्याज दर पर करार करने का निर्णय भी लिया गया.

 

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