मुंबई/दि.13– अब तक किसी भी विद्यार्थी द्वारा एक समय में किसी भी एक पाठ्यक्रम को पूरा करते हुए उससे संबंधित डिग्री प्राप्त की जा सकती थी. किंतु अब एक ही समय किसी एक विद्या शाखा की पढाई करते हुए किसी अन्य विद्या शाखा की पदवी या पात्रता अनुसार पदव्युत्तर पदवी प्राप्त की जा सकेगी. क्योंकि अब विद्यापीठ अनुदान आयोग द्वारा विद्यार्थियों को एक ही समय दो पदवियां लेने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. ऐसे में अब शिक्षा संस्था में प्रवेश लेकर व ऑनलाईन अथवा एकत्रित स्वरूप में संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जा सकेगा.
आयोग के अध्यक्ष डॉ. एम. जगदीशकुमार ने गत रोज इससे संबंधित घोषणा करते हुए कहा कि, इससे पहले अब तक विद्यार्थियों को दो पूर्णकालिक पदवी पाठ्यक्रम की पढाई एकसाथ पूरी करने की अनुमति नहीं थी, बल्कि किसी एक पूर्णकालिक पदवी की पढाई करते समय पदविका या अंशकालीन पदवी की पढाई की जा सकती थी. लेकिन अब एक ही समय दो पूर्णकालिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जा सकेगा. ऐसे में अब एक ही समय दो पदविका या दो पदव्युत्तर पदवी अथवा एक पदवी व एक पदव्युत्तर पदवी अथवा एक पदविका व एक पदवी प्राप्त करने के अलग-अलग पर्याय विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हो जायेंगे. साथ ही दो अलग-अलग विद्यापीठों या एक ही विद्यापीठ द्वारा पर्याय उपलब्ध करने पर दो पाठ्यक्रमों को पूर्ण किया जा सकेगा.
आयोग की 31 मार्च को हुई बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानानुसार दो पदवी पाठ्यक्रम एक ही समय पूर्ण करने को अनुमति देने का निर्णय लिया गया. जिससे अब विद्यार्थियों को और भी अधिक शैक्षणिक स्वातंत्र्य मिलेगा और विद्यार्थी अपनी क्षमता का आकलन करते हुए इस संदर्भ में निर्णय ले सकेंगे. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि, यह निर्णय केवल तासिका आधारित पाठ्यक्रमों के लिए ही है और संशोधन आधारित यानी एमफिल व पीएचडी जैसे पाठ्यक्रमों हेतु यह पर्याय उपलब्ध नहीं है.