छत्रपति संभाजीनगर/दि.14– ‘रोबोट’ फिल्म में अभिनेत्री को काटने वाला मच्छर यंत्र मानव ‘चिट्टी’ (रजनीकांत) पकडकर लाता है. कुछ वैसा ही तंत्रज्ञान अब विकसित हो रहा है. मच्छरजन्य रोगों से विश्व मे हर वर्ष 7 लाख से मृत्यु होती है. मच्छर काटकर जाता है और संसर्गजन्य रोग होता है. यह मच्छर किस प्रजाति का है उसकी खोज करने वाला मोड्यूल प्राध्यापिका ने विकसित किया है. इस संशोधन का पेटंट प्रकाशित हुआ है. कर्न्फमेशन प्रक्रिया शुरु है.
* ऐसे किया संशोधन
देवगिरी महाविद्यालय में संगणक विज्ञान और आईटी विभाग में सहायक प्राध्यापक रही डॉ. आएशा अनद इर्शाद सिद्धिकी के डेवलपमेंट ऑफ मास्किटों सेंसर ट्रैप इस विषय पर को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठ ने हाल ही में पीएचडी घोषित की. पिलिया, झिंका और डेंगू यह एडिस इजिप्ति मच्छर के जरिए मनुष्य में प्रसारित होने वाले अरबोवायरस का उदाहरण है. माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृति गर्भधारणा के दौरान झिंका विषाणु संसर्ग के कारण होता है. मच्छरों की प्रजाति पहचानने के लिए सूक्ष्मदर्शक और कीटशास्त्रज्ञ आवश्यक है, ऐसा मोड्यूल डॉ. सिद्धिकी ने बनाया.
* यह मोड्यूल कंट्रोल एंजेसी को सहायक होगा
इस मोड्यूल का इस्तेमाल कीटकशास्त्रज्ञ, स्वास्थ्य सेवा कर्मचारी, वैक्टर कंट्रोल एजेंसी की सहायता के लिए होने वाला है. इस अभिनव संशोधन को पेटंट मिलने के लिए प्रस्ताव दाखिल किया है. इसके मुताबिक यह संशोधन पेटंट कार्यालय ने प्रकाशित किया है. कंफमेंशन की प्रिक्रिया अंतिम चरण में है.
– डॉ. आयेशा सिद्धिकी,
संशोधक