राज्य में कोरोना के बाद बढी कुष्ठरोगियों की संख्या
स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने दी जानकारी
मुंबई/दि.1 – कुष्ठरोग उन्मूलन की रणनीति बना रही सरकार को झटका लगा है. कोरोना महामारी के बाद की गई जांच में पता चला है कि राज्य में कुष्ठरोगियों की संख्या बढ गई है. आंकडे बताते है कि पिछले तीन वर्षो से राज्य में कुष्ठ रोगियों की संख्या लगातार बढ रही है. राज्य में एक बार फिर चंद्रपुर जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है.
कुष्ठरोगियों की समस्याओं से जुडे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण के बाद नए सिरे से कुष्ठ रोगियों की पहचान की मुहीम शुरू की गई थी. कुष्ठ रोगियों और इस बीमारी से निजात पाने वालोें को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार सचिव स्तर की समिति बनाएगी. कुष्ठ रोगियों के लिए काम करनेवाले प्रकाश आमटे और उनके जैसे अन्य समाज सेवियों को भी समिति में शामिल किया जायेगा. इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार कुष्ठ रोगियों को रोजगार मुहैया कराने के लिए आगे कदम उठाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसके लिए गठित 60 हजार टीमों ने 8 करोड 66 लाख लोगों की जांच की. इसके बाद राज्य में 2022 से 2023 के जनवरी महिने तक 17 हजार 14 कुष्ठ रोगी मिले है. इन्हें नियमित दवाएं दी जा रही है. राज्य में सबसे ज्यादा 1425 कुष्ठ रोगी चंद्रपुर जिले में मिले है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने 2027 तक देश को कुष्ठरोग मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. राज्य सरकार भी इसे पूरा करने के लिए कदम आगे बढा रही है. कोरोना संक्रमण के बाद 6731नए कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई है. साल 2020-21 में कुष्ठरोगियों की संख्या 12438 थी तां 2021-22 में 14520 औ 2022-23 में 17014 तक पहुंच गई है. चंद्रपुर, गडचिरोली, जलगांव, नाशिक, पालघार, पुणे, ठाणे इन जिलों में सबसे ज्यादा कुष्ठरोगियों की संख्या है.