महाराष्ट्र

शोषण के खिलाफ नुटा संगठन की आक्रामक भूमिका

प्राध्यापकों की स्थान निश्चिती प्रक्रिया को लेकर सहसंचालक का परिपत्रक जारी

अमरावती /दि.14 वरिष्ठ महाविद्यालयीन प्राध्यापकों के करिअर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) अंतर्गत स्थान निश्चिती की प्रक्रिया को दीर्घकाल तक प्रलंबित रखकर कुछ संस्था चालकों व प्राचार्यो सहित कुछ मामलो में सहसंचालक कार्यालय द्वारा प्राध्यापकों का आर्थिक शोषण किया जाता है, इस आशय का आरोप लगाते हुए इस अन्याय के खिलाफ नुटा संगठन द्वारा आक्रामक भूमिका अपनाए जाने के बाद विभागीय सहसंचालक कार्यालय ने 1 अप्रैल 2025 को एक महत्वपूर्ण परिपत्रक जारी किया. जिसमें सीएएस की प्रक्रिया को लेकर साफ तौर पर दिशानिर्देश दिए गए है.
बता दें कि, नागपुर विद्यापीठ टिचर्स एसोसिएशन यानी नुटा संगठन के पास इस विषय को लेकर बडे पैमाने पर शिकायते प्राप्त हुई थी. इससे पहले भी उच्च व तंत्र शिक्षा संचालक द्वारा 8 फरवरी 2022 को इस संदर्भ में एक पत्र जारी किया गया था. परंतु उस पर अमल नहीं होने के चलते शिक्षकों में काफी हद तक नाराजगी व्याप्त हो गई थी. जिसके चलते संगठन ने संघर्ष कृति समिति के जरिए 3 मार्च 2025 को सहसंचालक कार्यालय में निर्णायक बैठक आयोजित की थी. जिसमें सभी महत्वपूर्ण विषयों पर आवश्यक चर्चा की गई.
इस बैठक में नुटा संगठन के अध्यक्ष, महाराष्ट्र प्राध्यापक संगठन के सचिव व संगाबा अमरावती विद्यापीठ के व्यवस्थापन परिषद सदस्य प्रा. डॉ. प्रवीण रघुवंशी, प्राचार्य फोरम के अध्यक्ष प्रा. डॉ. राधेश्याम सिकची, सिनेट सदस्य डॉ. नितिन चांगोले व प्रशांत विघे, नुटा संगठन के जिलाध्यक्ष डॉ. तीर्थराज रॉय सहित डॉ. अविनाश चौखंडे, गौतम इंगोले, प्रा. विजयसिंह पवार, एन. ओ. घाटोल, राम राठोड व संतोषी वारंग आदि उपस्थित थे.

Back to top button