राज्य के सोलह जिलों में घट-बढ सकता है ओबीसी आरक्षण
सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने कहा

मुंबई/दि.28 – राज्य के 20 जिलों में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण कायम रहेगा. वहीं सोलह जिलों में आरक्षण घट-बढ सकता है यह राज्य सरकार व्दारा तय किया गया है कि फिलहाल आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा के दायरे में रहकर स्थानीय निकायों में ओबीसियों को राजनीतिक आरक्षण बहाल करने की कोशिश की जाएगी ऐसा शुक्रवार को मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की अध्यक्षता में बुलाई गई ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने कहा.
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के लिए सभी दल एकमत है. बैठक में सभी दलों की ओर से दिए गए सुझाव और विकल्पों का अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद ही आरक्षण पर सर्वसहमती से फैसला लिया जाएगा. इस पर राज्य के खाद्य एवं नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा में रहकर ही ओबीसी आरक्षण लेकर चुनाव लडा जाएगा. राज्य में जिला परिषदों में ओबीसी की 318 सीटें है. इसमें से करीब 100 सीटे कम हो जाएगी. प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि 20 दिनों में ओबीसी का आरक्षण कम नहीं होगा. 16 जिलों में ओबीसी की सीटों पर असर पड सकता है. इन जिलों में ओबीसी आरक्षण के लिए बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी.
आरक्षण बहाल होने तक न लिए जाए निकाय चुनाव
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सुप्रिम कोर्ट के फैसले की वजह से राज्य में ओबीसी आरक्षण रद्द हुआ है. सुप्रिमकोर्ट में ओबीसी के आरक्षण बहाली के लिए एंपीरिकल टेडा उपलब्ध करवाने की मांग की है इसलिए हमने सरकार से राज्य पिछडावर्ग आयोग के जरिए एंपीरिकल टेडा जुटाने की मांग की है. फडणवीस ने कहा कि ओबीसी आरक्षण बहाल होने तक स्थानीय निकाय चुनाव न लिए जाए. फडणवीस ने यह भी कहा कि ओबीसी क अतिरिक्त आरक्षण को कायम रखने के लिए सुप्रिमकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. जिसमें बडी बेंच के गठन किए जाने की मांग करनी होगी. अदालत में यह मामला जाने की वजह से अगले पांच से सात साल तक ओबीसी आरक्षण लटक सकता है.