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ओबीसी आरक्षण के बिना फरवरी या मार्च में ही होंगे 13 मनपा के चुनाव

निर्वाचन आयोग ने चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां की शुरू

मुंबई/दि.3- राज्य निर्वाचन आयोग ने महाविकास आघाडी सरकार के निवेदन को खारिज करते हुए ओबीसी आरक्षण के बिना राज्य की 13 महानगरपालिकाओं के चुनाव समय पर ही लेने का निर्णय लिया है. ऐसे में अब यह स्पष्ट हो गया है कि, राज्य की 13 महानगरपालिकाओं में गर्मी के समय नहीं, बल्कि फरवरी अथवा मार्च माह के दौरान ही आम चुनाव करवाये जायेेंगे.
बता दें कि, सर्वोच्च न्यायालय ने 15 दिसंबर 2021 को राज्य की स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में 27 फीसद ओबीसी आरक्षण को स्थगिती दी थी. ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने 29 दिसंबर को राज्य की 13 महानगरपालिकाओं के आयुक्तों को चुनाव की तैयारियां करने के संदर्भ में निर्देश जारी किये है. जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि, सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार अब तक ओबीसी आरक्षित रहनेवाली सीटों को अगले आदेश तक सर्वसाधारण प्रवर्ग की सीटों के तौर पर ग्राह्य माना जाये और अनुसूचित जाति व जनजाति हेतु आरक्षित सीटों को छोडकर अन्य सीटें सर्वसाधारण प्रवर्ग में ग्राह्य मानते हुए उसमें से आधी सीटें सर्वसाधारण प्रवर्ग की महिलाओं हेतु आरक्षित रखी जायेगी.
इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने अमरावती, अकोला, नागपुर, कल्याण-डोंबिवली, कोल्हापुर, नवी मुंबई, उल्हासनगर, सोलापुर, पिंपरी-चिंचवड, नासिक, पुणे व ठाणे मनपा प्रशासन से 4 से 7 जनवरी के बीच प्रभाग रचना के प्रारूप की संशोधित रिपोर्ट पेश करने हेतु कहा है. वहीं दूसरी ओर अब ओबीसी आरक्षण और ओबीसी समाज के इम्पिरिकल डेटा के मामले को लेकर राज्य के सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच जबर्दस्त आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. जिसके तहत विपक्षी दल भाजपा द्वारा राज्य सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए कहा गया कि, दो वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने इम्पिरिकल डेटा के संदर्भ में कोई कदम नहीं उठाया. वहीं महाविकास आघाडी सरकार में शामिल कांग्रेस की ओर से राज्य निर्वाचन आयोग को मनुवादी बताने के साथ ही भाजपा का आयोग बताते हुए आरोप लगाया गया कि, निर्वाचन आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है.

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