महाराष्ट्र

छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे और उनकी सौतेली मां के बारे में लिखी आपत्तिजनक बातें

किताब पर प्रतिबंध लगाने की मांग

मुंबई/दि.26 – महाराष्ट्र में एक किताब में लिखी गई बातों को लेकर बवाल हो गया है. कांग्रेस से लेकर भाजपा के नेताओं ने इस पुस्तक को बैन करने की मांग की है. इस किताब में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी और उनकी सौतेली मां के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं. प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पुस्तक के लेखक गिरीश कुबेर को अपनी पुस्तक ‘रेनेसां स्टेट: द अनरिटेन स्टोरी ऑफ द मेकिंग ऑफ महाराष्ट्र’ में लिखे कंटेंट के लिए माफी मांगनी चाहिए. भाजपा नेता नारायण राणे ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिस व्यक्तित्व को महाराष्ट्र और देश के लोग देवता की तरह पूजते हैं उनका यह अपमान वे बर्दाश्त नहीं करेंगे और लोकसत्ता की होली जलाएंगे. गिरीश कुबेर लोकसत्ता मराठी दैनिक के संपादक हैं. नांदेड में भाजपा से राज्यसभा सदस्य संभाजी छत्रपति ने भी मांग की है कि इस किताब को पूरे राज्य में और देश में प्रतिबंधित कर देना चाहिए और लेखक को माफी मांगनी चाहिए.

  • क्या है किताब में, जिस पर विवाद है?

इस किताब में छत्रपति संभाजी राजे और उनकी सौतेली मां सोयराबाई के संबंध में आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं. जिसे महापुरुष के चरित्र हनन की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. इस पर आपत्ति उठाते हुए पुणे ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष आनंद दवे के मुताबिक किस आधार पर लेखक यह लिख सकते हैं छत्रपति संभाजी ने राजमाता सोयराबाई को मरवाया था. इतिहास में कहीं ऐसा कोई उल्लेख नहीं है. लेखक ऐसी निराधार बातों को किताब से हटाएं. इसके अलावा किताब में यह भी लिखा है कि छत्रपति संभाजी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के अष्टमंडल (राजनीतिक सलाहकार) के सदस्यों को भी मरवाया था. यह ब्राह्मण और मराठा समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश है. एक और आपत्ति मराठा समाज की ओर से दाखिल की गई है. ‘अखिल भारतीय मराठा महासंघ’  के जनरल सेक्रेट्री राजेंद्र कोंधरे के मुताबिक छत्रपति शिवाजी महाराज की अभी महाराष्ट्र में 14वीं-15वीं पीढ़ी चल रही है. उन्हें भी महाराष्ट्र में आज राजे कह कर संबोधित किया जाता है. लेकिन इस किताब में लेखक ने उन्हें सिर्फ ‘संभाजी’ कहकर संबोधित किया है. कोई आदरसूचक शब्द साथ में नहीं लगाया है. इसके अलावा लेखक इतिहासकार नहीं हैं. इसलिए बिना व्यापक रिसर्च किए उन्हें ऐसे तथ्यों को लिखने से बचना चाहिए.

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