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6 अप्रैल को ही बन गई थी पवार के घर पर हमले की योजना

एड. सदावर्ते के नेतृत्व में रचा गया था षडयंत्र

* सिल्वर ओक पर हमले से पहले हुई थी मिटींग
* नागपुर से आयी कॉल पर दिये गये थे निर्देश
* मुंबई पुलिस ने कोर्ट में किये छह बडे दावे
मुंबई/दि.11– राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के घर पर किया गया हमला अकस्मात नहीं था, बल्कि इसके लिए पूर्व नियोजीत षडयंत्र बनाया गया था और 6 अप्रैल को ही यह तय हो गया था कि, शरद पवार के मुंबई स्थित ‘सिल्वर ओक’ बंगले पर शनिवार 9 अप्रैल को हमला किया जाना है. यह पूरा षडयंत्र एसटी कर्मचारियों के आंदोलन का नेतृत्व करनेवाले एड. गुणरत्न सदावर्ते द्वारा किया गया था और हमले से ठीक पहले एक गुप्त मिटींग भी हुई थी. साथ ही जिस समय पवार के घर पर एसटी कर्मचारियों द्वारा हमला किया गया, तब सदावर्ते को नागपुर से लगातार फोन आ रहे थे. इसके अलावा हमले से पहले तक सदावर्ते द्वारा 12 अप्रैल को बारामती में आंदोलन करने की बात कहते हुए सभी को भ्रम में उलझाये रखा गया. ऐसे 6 बडे दावे मुंबई पुलिस द्वारा आज अदालत के समक्ष किये गये.
बता दें कि, एसटी कर्मचारियों के आंदोलन का नेतृत्व करनेवाले एड. गुणरत्न सदावर्ते को पुलिस ने शुक्रवार को ही गांवदेवी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था. पश्चात शनिवार को उन्हें मुंबई के किला कोर्ट में पेश किया गया. जहां पर अदालत ने दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद सदावर्ते को 11 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में रखने का आदेश दिया था. इसकी अवधि खत्म होने के बाद सदावर्ते को आज गिरगांव कोर्ट में पेश किया गया. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से पीसीआर की अवधि को बढाये जाने की मांग करने के साथ ही और चार लोगों को पुलिस कस्टडी में दिये जाने की मांग की. साथ ही अदालत को बताया कि, हिरासत में लिये गये आरोपियों के मोबाईल जप्त किये गये है. जिनसे कई महत्वपूर्ण सबूत व सुराग मिले है. इसके तहत पता चला है कि, हमले से ठीक पहले एक बैठक हुई थी और अभिषेक पाटील नामक एसटी कर्मचारी सदावर्ते के साथ लगातार संपर्क में था. जिसने फोन करते हुए कई पत्रकारों को ‘सिल्वर ओेक’ के पास बुलाया था. जिनमें कई युट्यूबर पत्रकारों का भी समावेश था. इसके अलावा हमलेवाले दिन सदावर्ते को नागपुर से एक कॉल आयी थी, किंतु कॉल करनेवाले व्यक्ति के नाम का खुलासा कभी नहीं किया जा सकता है. अभियोजन पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि, एमजेटी न्यूज चैनल के मालिक चंद्रकांत सूर्यवंशी को पहले से ही इस हमले की पूरी जानकारी थी. जिन्होंने अन्य पत्रकारोें को इसके बारे में अवगत कराया था. साथ ही सदावर्ते ने प्लान तैयार करने के बाद सभी मैसेज व फोन कॉल व डिलीट कर दिया और पुलिस सहित सरकार व प्रशासन को भ्रमित करने हेतु 12 अप्रैल को बारामती में आंदोलन करने की बात कहनी शुरू की.
अदालत के समक्ष उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही अभियोजन पक्ष ने गुणरत्न सदावर्ते को और 11 दिनों के पुलिस कस्टडी रिमांड में दिये जाने की मांग की है. जिस पर समाचार लिखे जाने तक अदालत में सुनवाई चल रही थी.

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