महाराष्ट्र

मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री 18 फरवरी तक बंद लिफाफे में दें राय

एसटी कर्मचारियों की मांगों को लेकर गठित समिति की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट का निर्देश

मुंबई/दि.12 – बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम (एसटी महामंडल) के कर्मचारियों की मांग पर विचार करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट व उसकी सिफारिशों पर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की राय अथवा मत को बंद लिफाफे में पेश करने के निर्देश दिये हैं. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद 8 नवंबर 2021 को यह कमेटी गठित की थी.
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के समक्ष याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एस.सी.नायडू ने कहा कि कोर्ट के निर्देश के तहत कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंप दी है. रिपोर्ट पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री को 18 फरवरी 2022 तक का समय दिया जाये. इसके बाद रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया जाएगा. हालांकि कोर्ट में यह रिपोर्ट 5 फरवरी तक सौंपी जानी थी.अधिवक्ता नायडू की दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार 8 नवंबर 2021 को कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश के पालन की दिशा में कदम उठा रही है. सरकार ने जो अतिरिक्त समय मांगा है, वह काफी लंबा नहीं है. इसलिए हम अधिवक्ता नायडू के आग्रह को स्वीकार करते हैं.
खंडपीठ ने फिलहाल राज्य सरकार को हार्ई कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट और इस रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री की राय 18 फरवरी तक सील बंद लिफाफे में कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया गया है. 22 फरवरी 2022 को याचिका पर अगली सुनवाई रखी है.

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