महाराष्ट्र

सहज योग संस्था की ओर से यू ट्यूब चैनल पर

अॅानलाईन आत्मसाक्षात्कार कार्यक्रम २ मई को

पुणे/दि.३० – सहजयोग की प्रणेता श्री माताजी निर्मलादेवी ने ५ मई १९७० को ठाणे जिले के सीमावर्ती नारगोल में समंदर किनारे ध्यानस्थ अवस्था में जाकर सहस्त्रचार चक्र भेदन और बिनासायास आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करने की पध्दति-सहजयोग ध्यान शुरू किया. इस घटना को ५१ वर्ष पूर्ण हो रहे है.
हर मानव को आत्मसाक्षात्कार प्राप्त हो और उसके जीवन में परिवर्तन आए, उसका जीवन आनंददायी हो, यह श्री माताजी का सपना था. इस उद्देश्य से उन्होंने विश्वभर में यात्राये की और सहजयोग ध्यान, भारतीय संस्कृति,कला, भारतीय जीवनशैली और दैवीय ज्ञान का प्रचार प्रसार किया. इस अवसर पर सहजयोग संस्था द्वारा रविवार, २ मई २०२१ को शाम ५ बजे इस यू ट्यूब चैनल द्वारा और डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू सहजयोगडॉटओआरजीडॉटइन इस वेबसाईट पर आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध किया है. साधको को घर बैठे सहजयोग ध्यान सीखने के लिए हर रोज शाम लेरिंग सहजोग इस युट्यूब चैनल द्वारा बिना मूल्य कार्यशाला २० जून तक ली जायेगी. लॉकडाउन में लाखों साधको ने लाभ लिया है. उसके लिए बिना मूल्य टोल फ्री नंबर १८०० २७०० ८०० कार्यरत है. आजकल मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए सहजयोग ध्यान सबके लिए बहुत उपयुक्त है.
सहज योग क्या है? -सहज का अर्थ आपके साथ जन्मा हुआ, स्वाभाविक बिनासायास घटित होनेवाला और योग का मतलब ईश्वरी शक्ति से संलग्नता हर मानव के शरीर में जन्म से ही एक सुक्ष्म यंत्रणा होती है, वह धमनियों की यंत्रणा होती है और उसकी जागृति से सहज योग का लाभ होता है. इसका मतलब ईश्वरी शक्ति से विनासायास संलग्रता होती है. इस अनुभव को आत्मसाक्षात्कार कहा जाता. सभी धर्मो में इसका महत्व है. सहजयोग का महत्व ये है कि इसमें मिलनेवाला आत्मसाक्षात्कार हमारे अध्यात्मिक उन्नति का आरंभ है. इसके लिए हमारी कुंडलिनी शक्ति की जागृति के लिए हमें सत्य जानने की हदय से इच्छा होनी चाहिए. जागृति होने पर कुंडलिनी शक्ति सुषुम्ना मार्ग से उत्थापित होती है और षटचक्रों का मतलब सूक्ष्म शक्ति केंद्रो का भेदन करके उनका पोषण और प्रकाशन करती है. इस शक्ति के द्वारा माथे के पिछले आज्ञाचक्र को भेदने पर साधक को संवेदना के निर्विकार स्थिति का अनुभव प्राप्त होता है. यह ध्यान की पहली अवस्था है. हर दिन कुछ क्षण के लिए ही अगर हमें यह अवस्था प्राप्त होती है तो हमारे जीवन में शारीरिक, बौध्दिक, भावनिक और आध्यात्मिक परिवर्तन हो सकता है.
इस कार्यक्रम के लिए विनामूल्य टोल फ्री नंबर १८००२७००८०० पर रजिस्ट्रेशन करे ऐसा आवाहन सहजयोग संस्था द्वारा किया गया है.

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