महाराष्ट्र में एक बार फिर UP, बिहार और परप्रांतियों का मुद्दा गरमाया
बीजेपी नेता ने सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ पुलिस स्टेशन में की शिकायत दर्ज
मुंबई/दि.14 – महाराष्ट्र में एक बार फिर यूपी, बिहार और परप्रांतीय लोगों के ख़िलाफ़ माहौल बनना शुरू हो गया है. दरअसल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई साकीनाका रेप के बाद सोमवार (13 सितंबर) को राज्य के गृह विभाग और अन्य प्रमुख विभागों से जुड़े अधिकारियों के साथ महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक अहम बैठक की. इस बैठक में उन्होंने यह निर्देश दिया कि जो भी लोग राज्य में बाहर से आते हैं, उनके आने-जाने का रिकॉर्ड रखा जाए, इसकी निगरानी की जाए. यानी एक तरह से उन्होंने वही निर्देश दिया जिसकी मांग एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे करते रहे हैं. बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर आपत्ति उठाई है और मुंबई के कांदिवली पूर्व के पुलिस स्टेशन में भारतीय फौजदारी दंड संहिता (IPC) की धारा 153- A के तहत शिकायत दर्ज करवाई है.
बीजेपी नेता अतुल भातखलकर का आरोप है कि ऐसा करके मुख्यमंत्री ने समाज के दो वर्गों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की है. मुख्यमंत्री ने इस तरह से यह संदेश देने की कोशिश की है कि मुंबई में रेप अन्य राज्य से आने वाले लोगों की वजह से ही बढ़ रहा है. अपने विधायक के समर्थन में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि रेप परप्रांतीय लोग ही करते हैं क्या? महराष्ट्र में रहने वाले लोगों से ऐसा गुनाह कभी नहीं होता? विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने कहा कि रिकॉर्ड रखने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इस बहाने परप्रांतियों को टारगेट नहीं किया जाए.
अतुल भातखलकर ने कहा, ” मुंबई साकीनाका रेप केस के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने यह निर्देश दिया है कि अब से परप्रांतीय कहां से आते हैं, कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं, क्या करते हैं, इस पर निगरानी रखने की ज़रूरत है. मुझे लगता है कि कानून व्यवस्था की खामियों को छुपाने के लिए यह परप्रांतीयों पर आरोप मढ़ने की कोशिश है. समाज के दो वर्गों में इससे तनाव बढ़ेगा. कई लोगों को लगेगा कि परप्रांतीयों के कारण रेप बढ़ रहे हैं. यह तो संयोग था कि आरोपी का सरनेम चौहान है, अगर आरोपी कोई चव्हाण निकलता तो सीएम क्या करते? परप्रांतीय लोग भयभीत हो गए हैं. इसीलिए मैंने भारतीय फौजदारी दंड संहिता की धारा 153- अ के तहत उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है.”
अतुल भातखलकर ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री ने कहा कि परप्रांतियों के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. तो धनंजय मुंडे कौन हैं? आपके मंत्रिमंडल के सदस्य हैं ना. संजय राठोड़ का क्या हुआ? छह महीने हो गए अभी तक तहकीकात नहीं हुई? हमने दबाव बढ़ाया इसलिए आपको उनका इस्तीफा लेना पड़ा. शिवसेना के आधा दर्जन से भी ज्यादा पदाधिकारियों के नाम मेरे पास हैं, जिनके ऊपर बलात्कार के आरोप हैं. केसेस चल रहे हैं, मुंबई में हैं, मुंबई के बाहर हैं.” इसका मुख्यमंत्री के पास कोई जवाब नहीं है. राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त है, सीएम उसे नहीं संभाल पा रहे तो इधर-उधर की बातें कर रहे हैं.