आघाडी सरकार में एक बार निर्णय हुआ, तो समाधानी रहना पडता है
डेप्युटी सीएम अजीत पवार ने प्रभाग रचना को लेकर कसा तंज
मुंबई/दि.30 – राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार ने मनपा चुनाव को लेकर तय की गई त्रिसदस्यीय प्रभाग रचना को लेकर महाविकास आघाडी के नेताओें पर तंज कसते हुए कहा कि, आघाडी सरकार चलाते समय जब तक निर्णय नहीं होता, तब तक सभी लोग अपनी भूमिका रख सकते है. किंतु एक बार निर्णय हो जाने के बाद सभी को उस निर्णय को लेकर समाधानी रहना पडता है. अपने इस वक्तव्य के जरिये उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने प्रभाग रचना को लेकर नाराजगी व्यक्त करनेवाले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा है.
यहां पर पत्रकारोें के साथ चर्चा करते हुए अजीत पवार ने कहा कि, आघाडी सरकार द्वारा जो फैसला लिया गया, उसमें सभी घटक दलों की सहमति शामिल थी. ऐसे में फैसला हो जाने के बाद बिना वजह कोई अलग वक्तव्य जारी करते हुए गलतफहमी फैलाने की कोई जरूरत नहीं होती. यदि फैसले से असहमति है, तो फैसला होने से पहले हर कोई अपने-अपने विचार रख सकता है. किंतु एक बार फैसला हो जाने के बाद आघाडी धर्म के मुताबिक आघाडी में शामिल दलों द्वारा उसका समर्थन ही किया जाना चाहिए. अजीत पवार के मुताबिक कांग्रेस की ओर से विधानमंडल में बालासाहब थोरात नेता है. वहीं कैबिनेट में बालासाहब थोरात सहित अशोक चव्हाण व अन्य मंत्री मौजूद थे. साथ ही राकांपा व शिवसेना के भी मंत्री उपस्थित थे और यह फैसला सभी मंत्रियों के दलों द्वारा आपस में विचार-विमर्श करने के बाद आम सहमति से लिया गया है. अत: फैसला होने के तुरंत बाद कोई आस्मान नहीं छूता है. हालांकि किसी भी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के पास यह स्वतंत्र अधिकार है कि, उसे क्या करना है. किंतु आपसी सहमति से लिये गये निर्णय को लेेकर असहमति दर्शाने का कोई टूक नहीं है.
-
यद्यपि हालात नियंत्रित, किंतु नियमों का पालन जरूरी
आगामी 7 अक्तूबर को राज्य में सभी धार्मिक स्थलों व प्रार्थना स्थलों को खोलने की अनुमति दी जा रही है. वहीं अन्य प्रतिबंधों को कब हटाया जायेगा, इस बारे में पूछे गये सवाल को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि, यद्यपि इस समय हालात काफी हद तक नियंत्रित है, किंतु हालात को लेकर लगातार चर्चा जारी है और स्थिति की समीक्षा की जा रही है. जिसके पश्चात लॉकडाउन को पूरी तरह से खत्म करने के बारे में निर्णय लिया जायेगा. लेकिन फिलहाल सभी लोगों के द्वारा कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का कडाई के साथ पालन किया जाना बेहद जरूरी है. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के मुताबिक बीते वर्ष गणेश विसर्जन के आठ-दस दिन पश्चात मरीजों की संख्या में वृध्दि हुई थी. ऐसे में इस बार कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का कडाई से पालन करवाया गया और मंगलवार को ही कैबिनेट की बैठक में कोविड संबंधी आंकडों की समीक्षा की गई. जिसमें इस वर्ष मरीजोें की संख्या कम दिखाई दी. किंतु खतरा अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. अत: लोगों ने मास्क, सोशल डिस्टंसिंग व सैनिटाईजेशन के नियमों को लेकर बेफिक्र नहीं होना चाहिए.