महाराष्ट्र

देश के डेढ करोड बालक शराब, मादक पदार्थ के शिकार

राष्ट्रीय सर्वेक्षण में सामने आये चौकाने वाले आंकडे

नई दिल्ली/दि.२८ – बॉलीवुड में मादक पदार्थ के मामले गुंज रहे है. देशभर के नाबालिग बच्चे भी बडी संख्या में इस व्यसन के शिकार हो रहे है. यह चिंताजनक बात एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में सामने आयी है. देश के १० से १७ वर्ष आयु के करीब १.४८ करोड बालक शराब, अफीम, कोकीन, भांग जैसे विभिन्न मादक पदार्थ के शिकार हुए है. देश का भविष्य माने जाने वाले यह बच्चे व्यसन के जाल में जखडते जा रहे है, ऐसी चिंताजनक हकीकत सर्वे के माध्यम से उजागर हुई है.
सामाजिक न्याय व सक्षमीकरण मंत्रालय ने २०१८ में इस बारे में राज्य निहाय जानकारी इकट्ठा करने के लिए राष्ट्रीय सर्वे किया था. देश में बढ रहे मादक पदार्थ के उपयोग पर सर्वेक्षण के बाद चिंता व्यक्त की गई है. लोकसभा में २० सितंबर को एक प्रश्न का लिखित जवाब देते समय मंत्री रतनलाल कटारियां ने सर्वे की चौकाने वाली रिपोर्ट सभागृह में प्रस्तूत की. इसके अनुसार देश के १० से १७ वर्ष आयु के बालक बडी संख्या में मादक पदार्थ के शिकार हुए हैं. सर्वे के अनुसार सभी आयु में सबसे ज्यादा संख्या शराब का प्याला मुह पर लगाने वाले १० स १७ वर्ष के ३० लाख लोग शराब की लत में फंसे हैैं. इसी आयु के करीब ४० लाख बालक अफिम, २० लाख बच्चे भांग जैसे व्यसन के शिकार हुए हैं. चौकाने वाली बात यह है कि करीब ५० लाख बालक नाक से सुंघकर या सिगरेट के माध्यम से लिए जाने वाले अमली पदार्थ का सेवन करते हैं. २ लाख बालक कोकीन और ४ लाख बच्चे उत्तेजक पदार्थ का सेवन करते हैं, ऐसा सर्वेे में उल्लेख किया गया. देश के बच्चे मादक पदार्थ की और तेजी से कदम बढा रहे हैं. पोर्टीस अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य व व्यवहार विज्ञान के संचालक डॉ.समीर पारिख ने उल्लेख किये अनुसार बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड रहा हैं. अमली पदार्थ के व्यसन के कारण बालकों की आक्रमकता में वृध्दि होने का भी पारीख ने कहा है.

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