महाराष्ट्र

‘लेझर’ के तेज प्रकाश से एक आंख की रोशनी गई

गणेश विसर्जन रैली के दौरान आंखों में जख्म हुए युवक का अनुभव

पुणे/दि.4– हमेशा की तरह गणेश विसर्जन रैली में नाचने गया. नाचते समय लेझर का तेज प्रकाश आंखों पर पडा. अचानक अंधेरा छा गया और एक आंख से दिखना बंद हो गया. 23 वर्ष के अनिकेत का ऐसा कहना था. उसकी एक आंख की रोशनी करीबन 70 प्रतिशत कम हो गई है. उस पर उपचार करने वाले डॉ. अनिल दुधभाते के कहे मुताबिक अनिकेत की आंख शत प्रतिशत पूर्ववत होने की संभावना नहीं है.
गणेश विसर्जन रैली के लेझर प्रकाश के कारण अनेकों की आंखों को तकलीफ होने का मामला सामने आया है. पुणे में लेझर के कारण आंखों को दर्द होने के करीबन 15 मामले सामने आए है. इसमें से कुछ गंभीर है. संबंधितों की आंखें कायमस्वरुप जाने का खतरा है. इसमें से अनिकेत नामक युवक ने अपना अनुभव मंगलवार को बताया. अनिकेत निजी कंपनी में काम करता है. उसने कहा कि जनता वासहत में वह गणेश विसर्जन रैली में नाचने गया था. कुछ समय नाचने के बाद अचानक लेझर का प्रकाश एक आंख पर पडा. उसी समय उसकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया और एक आंख से उसे दिखना बंद हो गया. वहां से वह घर पहुंचा.

दूसरे दिन ही सुबह एक आंख से न दिखाई देने के कारण वह डॉक्टर के पास पहुंचा. वहां उसकी जांच करने के बाद लेझर के कारण यह तकलीफ होने की बाद स्पष्ट हुई. आंखों को तकलीफ पहुंचाने वाले इस लेझर पर कायमस्वरुप पाबंदी लानी चाहिए. अनिकेत पर उपचार करनेवाले नेत्ररोग तज्ञ डॉ. अनिल दुभाते ने कहा कि अनिकेत जैसे अन्य मरीज होंगे तो वे तत्काल नेत्ररोग तज्ञ को दिखाए. इन सभी युवकों को हुआ नेत्रपटल दोष उनकी शिक्षा और भविष्य के लिए कितना भयावह होगा इसकी कल्पना नहीं की जा सकती. इसके लिए यह लेझर प्रकाश टाले. इस लेझर के इस्तेमाल पर पाबंदी लाने की आवश्यकता है अन्यथा आगामी समय में भी इसके भारी परिणाम दिखेंगे और अनेक लोगों पर आंखों की रोशनी गुम होने की नौबत आएगी.

* ‘लेझर बर्न’ क्या है?
हरे रंग की लेझर लाइट की तीव्रता अधिक रहती है. जो युवक इस लेझर के ‘फोकल लेंग्थ’ पर आए अथवा उसका नेत्रपटल आया उन्हें ऐसे तकलीफ का सामना करना पडा. हम बचपन में लेंस लेकर जिस तरह धूप में कागज जलाते थे उसी तरह इस लेझर ने युवाओं के आंखों पर चोट पहुंचाई, ऐसा डॉ. अनिल दुधभाते का कहना है.

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