मंत्रालय में देरी से आने पर एक घंटे ज्यादा ड्यूटी
सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में कार्यपद्धति तय की
मुंबई /दि.२ – मंत्रालय में महीने में दो से अधिक बार देरी से आने पर अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यालय में शाम को एक घंटे ज्यादा रुकना अनिवार्य होगा. प्रदेश सरकार ने मंत्रालय और क्षेत्रिय कार्यालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कार्यालय में देरी से उपस्थिति के संबंध में कार्यपद्धति तय की गई है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है. इसके अनुसार मंत्रालय में कार्यालय शुरु होने का समय 10.45 बजे है. पर अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 60 मिनट तक की रियायत है. इसके तहत सुबह 10.45 से दोपहर 12.15 बजे के बीच कार्यालय में आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को शाम के समय कार्यालय में एक घंटे देरी तक ड्यूटी अनिवार्य होगी. अगर अधिकारी-कर्मचारी एक महीने में दो बार सुबह 11.15 बज तक कार्यालय में पहुंचते हैं तो उन्हें देरी से आने के लिए क्षमा कर दिया जाएगा.
लेकिन महीने में तीसरी बार देरी से आने पर उनके आकस्मिक (नैमित्तिक) छुट्टी में से एक छुट्टी कांट ली जाएगी. दूसरी ओर मंत्रायलीन विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण वाले सरकारी विभाग और कार्यालयों के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए महीने में अधिकतम दो बार डेढ घंटे देरी से आने की सहूलियत होगी. अधिकारियों और कर्मचारियों के तीसरी बार देरी से आने पर उनकी आकस्मिक छुट्टी में से एक छुट्टी कांट ली जाएगी. इन कार्यालयों के अधिकारियों औश्र कर्मचारियों के कामकाज का समय सुबह 9.45 से शाम 6.15 बजे तक है. इन कार्यालयों के कर्मचारियों के महीने में दो बार 11.15 बजे तक आने की सहूलियत होगी. जबकि चपरासी वर्ग के कर्मचारियों के लिए कार्यालय के कामकाज का समय सुबह 9.30 से शाम 6.30 बजे तक है. उन्हें महीने में दो बार सुबह 11 बजे तक आने पर उसे देरी से कार्यालय में आने पर रियायत दे दी जाएगी. वहीं रेलवे परिवहन सेवा प्रभावित होने अथवा कर्मचारियों के नियंत्रण के बाहर की आकस्मिक घटना के कारण कर्मचारियों के देरी से कार्यालय में आने पर उसे देरी से उपस्थिति नहीं समझा जाएगा. ऐसी स्थिति में देरी से आने पर उन्हें क्षमा कर दिया जाएगा.
मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने पिछले साल मंत्रालय की दूसरी मंजिल से कूदने वाले दो शिक्षकों को आत्महत्या करने का प्रयास करने के लिए दोषी ठहराया है. उन पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माना न भरने पर शिक्षकों को 15 दिन का साधारण कारावास भुगतना होगा. जलगांव के रहनेवाले शिक्षक हेमंतराव पाटील व उस्मानाबाद निवासी अरुण निचुरे ने साल 2019 में मंत्रालय की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था. लेकिन मंत्रालय में लगाए गए जाल पर गिरने के चलते ये बच गए. इसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. गौरतलब है कि, ये दोनों शिक्षक सितंबर 2019 में एक प्रतिनिधि मंडल के साथ मंत्रालय आए थे. यह प्रतिनिधि मंडल विशेष बच्चों वाले स्कूलों को निधि उपलब्ध कराने की मांग को लेकर मंत्रालय आया था.