महाराष्ट्र

प्याज निर्यातबंदी के कारण 8 लाख टन का निर्यात हुआ कम

निफाड/दि. 31– केंद्र सरकार की प्याज निर्यातबंदी का असर किसान और व्यापारियों पर भारी मात्रा में हुआ है. इस निर्यातबंदी से 8 लाख 17 हजार 530 टन प्याज का निर्यात कम होने की बात ‘अपेडा’ की आंकडेवारी से उजागर हुई है.
केंद्र द्वारा प्याज निर्यातबंदी किए जाने से दिसंबर 2023 में 4 हजार रुपए क्विंटल रहे प्याज के भाव ढाई से तीन हजार रुपए से गिर गए थे. पश्चात जनवरी से मार्च के दौरान जिले के प्याज उत्पादकों को 1200 रुपए तक प्रति क्विंटल से प्याज की बिक्री करनी पडी. इस कारण किसानों को हजारो करोड रुपए का नुकसान हुआ. लोकसभा चुनाव के पूर्व निर्यातबंदी उठाने की घोषणा भी केवल कागजो पर रही. प्रत्यक्ष में प्याज निर्यात पर 50 प्रतिशत मूल्य लागू किए जाने से व्यापारी प्याज निर्यात की तरफ बढे ही नहीं. परिणामस्वरुप प्याज के भाव में अपेक्षित बढोतरी नहीं हो पाई. अभी भी 1500 रुपए औसतन भाव से प्याज की निलामी शुरु है. 2022 से 2300 की तुलना में निर्यात कम होने से किसानों को भी प्रति क्विंटल के पीछे 1500 से 2000 रुपए घाटा सहन करना पडा.

* कर्नाटक में सुविधा, महाराष्ट्र को निर्यात शुल्क
केंद्र सरकार महाराष्ट्र के किसानों से द्वेशभावना रखती रहने की बात सामने आई है. केंद्र सरकार ने राज्य के प्याज निर्यात पर 50 फीसद निर्यात शुल्क आंका रहने की घोषणा ताजी रहते बंगलुरु के ‘बेंगलोर रोज’ प्याज पर शून्य प्रतिशत निर्यात मूल्य रखकर महाराष्ट्र के किसानों के जख्मों पर नमक डालने का काम किया है. प्याज के निर्यात शुल्क बाबत सरकार ने नए आदेश जारी किए है. बंगलुरु के प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क माफ किया गया है. ‘बेंगलोर रोज’ प्याज को यह छूट दी गई है. महाराष्ट्र के प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क कायम रहनेवाला है. कर्नाटक का प्याज एक्सपोर्ट गुणवत्ता का रहने से यह निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है. ‘बेंगलोर रोज’ यह प्याज कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में भारी मात्रा में होता है. निर्यात शुल्क बाबत हर राज्य में यह भेदभाव क्यों किया जाता है, ऐसा प्रश्न किसानों में है. केंद्र सरकार महाराष्ट्र के किसानों से कपट भावना से बर्ताव करती दिखाई देती है. एकतरफ गुजरात और बेंगलुरु के प्याज को निर्यात शुल्क में सुविधा देकर महाराष्ट्र को ठेंगा दिखाना और अपने ही पास की कंपनियों को निर्यात करने के लिए सहायता कर आर्थिक लाभ करवाना यह नीति अब स्पष्ट हुई है. लोकसभा-विधानसभा चुनाव में किसान सबक सिखाएंगे, ऐसा लासलगांव उपज मंडी के संचालक राजेंद्र डोखले ने कहा.

* भेदभावाली नीति
केंद्र सरकार की निर्यातबाबत भेदभाववाली नीति के कारण प्याज निर्यात कम हुआ है. इस कारण किसानों का बडा नुकसान हुआ है. तत्काल केंद्र सरकार ने नियम और शर्त न लगाते हुए संपूर्ण प्याज निर्यातबंदी उठानी चाहिए.
– जयदत्त होलकर
संचालक, मुंबई उपज मंडी.

* आंकडे बताते है
2023-24
– 1707998 टन प्याज निर्यात
– 3874 करोड विदेशी चलन मिला
2022-23
– 2525258 टन प्याज निर्यात
– 4522 करोड विदेशी चलन

 

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