महाराष्ट्र

प्याज निर्यात तीन दिन से ठप

तकनीकी कारणों से सैकडों कंटेनर खडे

* माल खराब होने का भय
नाशिक/दि.17– केंद्र सरकार द्वारा प्याज निर्यात से संबंधित लिए गए निर्णय के मुताबिक सीमा शुल्क विभाग की प्रणाली में आवश्यक बदलाव ही नहीं हुए. इस कारण मुंबई, चेन्नई बंदरगाह सहित बांग्लादेश सीमा में और नाशिक में निर्यात के लिए निकले सैकडों कंटेनर अटके पडे है. तीन दिन से यह स्थिति कायम रहने पर निर्यातक्षम माल खराब होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के प्याज उत्पादन होनेवाले क्षेत्र में सत्तारुढ भाजपा और मित्र दलो को बडा झटका लगा. इस कारण आगामी विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर केंद्र सरकार ने कुछ निर्णय लिए. इसके मुताबिक शुक्रवार को प्याज के निर्यात में रोडा साबित हुए 550 डॉलर प्रति मेट्रीक टन निर्यात मूल्य हटाया गया. साथ ही 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क का भार कम किया गया. इस कारण थोक बाजारपेठ में प्याज के भाव बढे. इस घटनाक्रम में निर्यात का मार्ग प्रशस्त होने की बजाए तकनीकी कारणों से वह पेचिदा हो गया. शुक्रवार को सरकार द्वारा जो निर्णय लिया गया उसके मुताबिक सीमा शुल्क विभाग की ऑनलाईन प्रणाली में बदलाव नहीं हुआ. इस कारण तीन दिनों से सरकार के निर्णय पर अमल नहीं हो पाया.

* प्याज निर्यात ठप
सोमवार को मुंबई के जेएनपीटी बंदरगाह में 300 और चेन्नई के बंदरगाह में 75 कंटेनर, बांग्लादेश सीमा पर 100 और नाशिक जिले के जानोरी में 50 कंटेनर अटके पडे है ऐसी जानकारी भारतीय फलोत्पादन निर्यातदार संगठना के उपाध्यक्ष विकास सिंग ने दी. तकनीकी समस्या से प्याज निर्यात ठप है. बंदरगाह में और बांग्लादेश की सीमा पर प्याज के कंटेनर तीन दिन से खडे है.

* सरकार की लापरवाही
सरकार की तरफ से प्याज निर्यात बंदी किए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से विदेश जानेवाला प्याज रोक दिया जाता है. लेकिन प्याज निर्यात पर पाबंदी हटाने के बाद इस पर प्रत्यक्ष अमल करने में सरकार लापरवाही बरतती है. सीमा शुल्क विभाग की तरफ से नए निर्णय पर अमल करने के लिए उदासिनता बरते जाने से सैकडों कंटेनर का प्याज सडने की संभावना है. इसका सीधा परिणाम भाव पर हो सकता है.
– भारत दिघोले, महाराष्ट्र प्याज उत्पादन संगठना प्रमुख.

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