मुंबई दि.26– केंद्र की सत्ताधारी मोदी सरकार द्वारा देश में प्याज के निर्यात पर लगायी गयी बंदी की वजह से पडोसी मुल्क पाकिस्तान को आर्थिक लाभ होगा. ऐसे में इसे एक घोटाला ही माना जा सकता है, लेकिन मोदी सरकार इस पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. इस आशय का आरोप लगाते हुए शिवसेना ने कहा है कि, देश में विपक्ष कमजोर है, इसका यह मतलब नहीं कि, सरकार किसानों और मजदूरों को बर्बादी की कगार पर ढकेल दें.
बता दें कि, प्याज निर्यात बंदी और नये कृषि विधेयक के मुद्दों पर इस समय देश में राजनीतिक वातावरण तपा हुआ है और केंद्र सरकार के दोनों निर्णयों का शेतकरी संगठन सहित कई राजनीतिक दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है. इसी पार्श्वभुमि पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये केंद्र सरकार की आलोचना की है. शिवसेना का कहना है कि, इस समय प्याज को थोडे बहुत ठीकठाक दाम मिलने शुरू हुए थे और भारतीय प्याज को विदेशों में अच्छीखासी मांग उपलब्ध हो रही है, लेकिन सरकार ने प्याज के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है. जिसका सीधा फायदा पाकिस्तान को मिल रहा है. ऐसे में इसे सीधे तौर पर घोटाला क्यों न माना जाये. इसके साथ ही शिवसेना ने कहा है कि, केंद्र सरकार द्वारा लाये गये कृषि विधेयक की वजह से छोटे अडत व्यवसायियों व दलालों को फसल मंडियों से बाहर निकाल दिया जायेगा और उनके स्थान पर बडे पूंजीपतियों को फसल मंडी में एवं किसानों का मालीक बना दिया जायेगा. इसी तरह नये कामगार कानून की वजह से अब किसी को भी स्थायी नौकरी नहीं मिलेगी. बल्कि ठेका पध्दति पर लोगों की नियुक्तियां की जायेगी..