महाराष्ट्र

340 करोड देने के लिए बडे उद्योजक ही तैयार नहीं

विधायकों की गृहनिर्माण सोसायटी पर भी 16.84 करोड का बकाया

मुंबई/दि.26– संपत्ति कर तथा बकाया की 31 मार्च से पहले अधिक से अधिक वसूली करने पर महानगरपालिका द्वारा पूरा जोर दिया जा रहा है. विगत शुक्रवार को प्रकाशित की गई ‘टॉप-10’ की सूची में सुभद्रा नामक विधायकों की गृहनिर्माण सोसायटी द्वारा 16 करोड 84 लाख रुपए का संपत्ति कर अदा नहीं किये जाने की बात सामने आयी. इसके साथ ही बडे उद्योजकों द्वारा करीब 340 करोड रुपए का कर बकाया रखा गया है. वहीं कुल बकाया 403 करोड से अधिक है, ऐसी जानकारी भी सामने आयी है.

‘टॉप-10’ बकायाधारकों में शामिल 10 लोगों में से अधिकतर लोग इन्फ्रास्ट्रक्चर, मिल व गृहनिर्माण क्षेत्र से वास्ता रखते है. जिनसे महानगरपालिका के कर निर्धारण व कर संकलन विभाग द्वारा कर वसूल करने हेतु प्रयास किया जा रहा है. साथ ही शंका रहने के बावजूद कर अदायगी नहीं करने वाले बकायादारों की संपत्ति जब्त करने की भूमिका भी अब महानगरपालिका द्वारा उठाई जा रही है. इसके साथ ही बार-बार सूचित किये जाने के बावजूद भी योग्य प्रतिसाद नहीं देने वाले बकायादारों को कर निर्धारण व संकलन विभाग की ओर से नोटीसें जारी की जा रही है.

* मुंबई के ‘टॉप-10’ बकाएदार
– एल एण्ड टी स्कॉमी इंजिनियरिंग (एफ-उत्तर विभाग) – 88 करोड 63 लाख 68 हजार 679 रुपए.
– रघुवंशी मिल्स (जी-दक्षिण विभाग) – 71 करोड 23 लाख 65 हजार 852 रुपए.
– एचडीआईएल (एच-पूर्व विभाग) – 53 करोड 12 लाख 39 हजार 953 रुपए.
– पोपटलाल जमुनालाल, सी-ब्रिज बिल्डिंग छठवी से पंद्रहवी मंजिल (जी-दक्षिण विभाग) – 47 करोड 99 लाख 84 हजार 766 रुपए.
– एचडीआईएल (के-पूर्व विभाग) – 44 करोड 5 लाख 54 हजार 35 रुपए.
– रघुवंशी मिल्स (जी-दक्षिण विभाग) – 17 करोड 87 लाख 61 हजार 565 रुपए.
– सुभद्रा गृहनिर्माण संस्था (जी-दक्षिण विभाग) – 16 करोड 84 लाख 75 हजार 700 रुपए.
– मॉवेल्टी सिनेमा (डी-विभाग) – 16 करोड 1 लाख 80 हजार 63 रुपए.
– ओंकार डेवलपर्स प्रा. लि. (डी-दक्षिण विभाग) – 12 करोड 21 लाख 32 हजार 163 रुपए.
– गोल्डन टोबैको कंपनी प्रा.लि. (के-दक्षिण विभाग) – 8 करोड 67 लाख 81 हजार 488 रुपए.

* अन्यथा होगी जब्ति की कार्रवाई
इन संपत्तिधारकों द्वारा तय कालावधि के भीतर कर अदायगी नहीं रकने पर उनकी संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी. जिसकी सूचना बकाएदारों के नाम पर जारी नोटीसों मेें भी दी गई है.
नोटीस प्राप्त होने के बाद संपत्तिधारकों द्वारा संभावित कार्रवाई को टालने हेतु तुरंत ही अपना बकाया कर अदा कराया जाना चाहिए, ऐसा आवाहन भी प्रशासन द्वारा किया गया है.

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