केवल सुसाइड नोट में लिखे आरोफ काफी नहीं ः अदालत

मुंबई/दि.11- मुंबई की एक अदालत ने आईआईटी मुंबई के छात्र दर्शन सोलंकी की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार छात्र अरमान खत्री को जमानत दे दी है. अदालत ने कहा कि केवल सुसाइड नोट में लगे आरोप ये यह निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा कि आरोपी ने उकसाने का अपराध किया है. अदालत ने शनिवार के अपने आदेश में कहा कि यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है कि खत्री जातिगत भेदभाव के आधार पर सोलंकी को परेशान कर रहा था या उसे आत्महत्या के लिए उकसाया था. खत्री को 9 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.पी. कनाडे ने शनिवार को उसे जमानत दे दी थी. मामले का विस्तृत आदेश बुधवार को उपलब्ध हुआ.
अहमदाबाद में रहने वाले और बीटेक (केमिकल) पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के छात्र सोलंकी की सेमेस्टर परीक्षा समाप्त होने के एक दिन बाद 12 फरवरी को उपनगर पवई स्थित आईआईटी परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कथित रुप से कूदने के बाद मौत हो गई थी. तीन हफ्ते बाद मुंबई पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को सोलंकी के कमरे से एक लाइन का नोट मिला, जिसमें लिखा था, ‘अरमान ने मुझे मारा है’. पुलिस के अनुसार, यह पता चला है कि आरोपी खत्री ने धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के चलते सोलंकी को एक पेपर कटर दिखाकर जान से मारने की धमकी दी थी.