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अवैध होर्डिंग पर कार्रवाई के आदेश

हाईकोर्ट के निर्देश से दलों को झटका

* स्थानीय प्रशासन को देना होगा शपथपत्र
नागपुर/दि. 10 – सात साल पहले न्यायालय द्वारा स्पष्ट आदेश देने पर भी और सभी प्रमुख राजकीय दलों ने न्यायालय में लिखित गारंटी देने पर भी आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ही अवैध होर्डिंग, बैनर की भरमार होने से बंबई उच्च न्यायालय ने कडे निर्देश और चेतावनी जारी की है. कोर्ट ने बुधवार को कहा कि, संबंधित राजनीतिक दलों द्वारा कोर्ट के आदेश और लिखित गारंटी का उल्लंघन पाए जाने पर उसे अत्यंत गंभीरता से लेने की चेतावनी हाईकोर्ट ने दी है.
कोर्ट ने सभी मनपा, पालिका और ग्राम पंचायतों को भी अवैध होर्डिंग, बैनर के विरोध में कार्रवाई करने के आदेश जारी किए. मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र उपाध्याय और न्या. अमित बोरकर की खंडपीठ के सामने इस बारे में एड. उदय वारुंजीकर द्वारा दायर जनहित याचिका पर एकत्र सुनवाई हुई. कोर्ट ने गत 31 जनवरी 2017 को निर्देश दिए थे. फिर भी अनेक शहरों में निर्देशो का पालन होते नहीं दिख रहा. इसलिए कोर्ट ने सुओमोटो याचिका दायर कर निर्देश दिए हैं.
* याचिकाकर्ता की अर्जी
याचिकाकर्ता वारुंजीकर ने कोर्ट से कहा कि, चुनाव सन्निकट होने से प्रदेश में सर्वत्र अवैध होर्डिंग, बैनर बेखौफ लगाए जा रहे है. महापालिका, पालिका और स्थानीय प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है. इसलिए इन सभी को कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश देकर अवैध होर्डिंग के विरुद्ध अभियान छेडने का आदेश देने की मांग याचिकाकर्ता ने की. इसके लिए पुलिस सुरक्षा देना जरुरी है.
* जहां-तहां बैनर ही बैनर
याचिका में आरोप लगाया गया कि, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के बेकायदा होर्डिंग, बैनर, फ्लैक्स जगह-जगह लगे है. मुंबई में तो राष्ट्रपति के स्वागत के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री का अवैध बैनर लगा दिया गया था. कोर्ट के आदेश रहने पर भी खुलेआम बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स लगाए जा रहे है. यह बात धक्कादायक है. होर्डिंग, बैनर पर क्यूआर कोड लगाना, शहर में खास जगह तय करना जैसे निर्देश कोर्ट ने दे रखे है. किंतु स्थानीय प्रशासन उसका उपयोग करते नहीं दिखाई दे रहा.

– स्थानीय प्रशासन को 18 नवंबर तक प्रतिज्ञा पत्र देने के निर्देश.
– लिखित गारंटी का उल्लंघन करने पर राजकीय दलों पर कार्रवाई का हंटर.
– विधानसभा चुनाव के मुहाने पर दलों और उम्मीदवारों को धक्का.

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