अमरावतीमहाराष्ट्र

देवा हमारा फगवा……

राहगीरों से मांगा जाता है फगवा

* मेलघाट में पांच दिनों तक होली की धूम
चिखलदरा/दि.18-बेचो तुम्हारा जोरू को…..देव हमारा फगवा…ऐसे गीत इन दिनों मेलघाट में सुनाई दे रहे है. चिखलदरा व धारणी यह दोनों तहसील आदिवासी दुर्गम क्षेत्र है. यहां पर आदिवासियों का मुख्य त्योहार होली है. होली के बाद पांच दिनों तक यहां पर धूम रहती है. पांचो दिन खूब रंग खेला जाता है. इन पांच दिनों में आदिवासी बंधु-बहनें अन्य लोगों से होली निमित्त अपना अधिकार मांगते है. इसके लिए वे रास्ते पर खडे होकर आने-जाने वाले राहगीर व वाहन चालकों का रास्ता रोकते है. और उनसे फगवा स्वरूप रकम मांगते है. इन दिनों मेलघाट के काटकुंभ, हतरू परिसर में तथा टेंभूसोंडा, हरीसाल आदि अनेक क्षेत्र में आदिवासी समाज के लोग फगवा मांगते दिखाई देते है. आदिवासी महिलाएं उनकी बोली भाषा के गीत प्रस्तुत करते है. बेचो तुम्हारा बहन को…..देव हमारा फगवा…भेजो तुम्हारा जोरू को देव हमारा फगवा दे….ऐसे गीत प्रस्तुत कर फगवा मांग रहे है. मेलघाट के विविध क्षेत्र में इस प्रकार के नाका लगे है. फगवा दो नहीं तो रंग डालेंगे, ऐसा कहकर धमकाया भी जाता है. इसलिए मार्ग से गुजरने वाले लोग भी फगवा देकर पीछा छुडाते है. मेलघाट में पांच दिनों तक होली की अच्छी खासी धूम दिखाई देती है.

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