महाराष्ट्र

महात्मा फुले स्वास्थ्य योजना के पैसे बकाया

अस्पताल प्रशासन परेशान, जरुरतमंद मरीजों ने जाना कहा

मुंबई /दि.4– महात्मा फुले स्वास्थ्य योजना के तहत मरीजों पर किये जाने वाले वैद्यकीय उपचार का खर्च का बकाया जुलाई माह से सार्वजनिक तथा निजी अस्पतालों को नहीं मिला है. यह बकाया करोडों रुपयों का रहने से मरीजों का आगामी समय में वैद्यकीय उपचार कैसे करना, ऐसा प्रश्न सार्वजनिक तथा निजी अस्पतालों के सामने आन पडा है.
अस्पताल में आने वाले किसी भी मरीज को वैद्यकीय सेवा से न रोकने के लिए राज्य के सार्वजनिक अस्पताल आज भी किसी भी मरीज को योजना के लाभ के बगैर वापिस नहीं भेजते है. लेकिन योजना के तहत वैद्यकीय बिल न मिलने पर आर्थिक तनाव कब तक सहन करना, ऐसा प्रश्न अस्पतालों के सामने है. सरकार के पास इस बाबत लगातार प्रयास करने के बावजूद समस्या हल नहीं हुई है. केवल शहर के ही नहीं, बल्कि राज्य के हर जिले से आने वाले मरीजों को वैद्यकीय उपचार देने वाले मुंबई के विख्यात सार्वजनिक अस्पताल के जुलाई 2024 से करीबन 11 से 12 करोड रुपए बकाया है. राज्य के जिन अस्पतालों में यह योजना चलाई जाती है. उनके करोडों रुपए अटके हुए है. योजना का बकाया नहीं मिला, तो आगामी समय में जरुरतमंद मरीजों को वैद्यकीय उपचार देना संभव नहीं होगा. इस ओर वरिष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों का ध्यान केंद्रीत किया गया. महात्मा फुले स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जरुरतमंद मरीजों के लिए किये जाने वाले वैद्यकीय खर्च की रकम स्वास्थ्य गारंटी सोसायटी के पास मंजूरी के लिए भेजी जाती है. इस खर्च को मंजूरी मिलने के बाद 45 दिनों में यह रकम फिर से अस्पताल के पास जमा होना अपेक्षित रहता है. लेकिन जुलाई 2024 से सार्वजनिक और निजी अस्पतालों को यह बकाया नहीं मिला है.

* ठेका कर्मियों का वेतन रोका
अस्पतालों की जानकारी तथा योजना के तहत लगने वाली जानकारी भरने के लिए ठेका प्रणाली पर डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की गई है. वैद्यकीय उपचार के पैसे न मिलने के बाद इन ठेका कर्मी, डाटा एंट्री ऑपरेटर्स का वेतन पिछले 4 से 5 माह से रोक दिया गया है.

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