भीमा कोरेगांव जांच आयोग के समक्ष 23 को पेश हो सकते है पवार
बयान दर्ज करने के लिए आया बुलावा
मुंबई/दि.10 – भीमा कोरेगांव जांच आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को 23 व 24 फरवरी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है. महाराष्ट्र सरकार ने जनवरी 2018 में पुणे में हुई हिंसा की जांच के लिए भीमा कोरेगांव आयोग का गठन किया गया है.
आयोग ने इससे पहले 2020 में शरद पवार को समन्स जारी किया था, लेकिन कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन के वजह से वे उपस्थित नहीं हो पाये. पवार ने इस मामले को लेकर आयोग के समक्ष 8 अक्टूबर 2018 को हलफनामा दायर किया था. आयोग के वकील आशिष सातपुते ने जानकारी दी है कि पवार के अलावा पुणे ग्रामीण के तत्कालीन पुलिस अधिक्षक सुवेज, अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक संदीप पाखले और पुणे के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र शेगांवकर का भी बयान दर्ज किया जाएगा. इन अधिकारियों के बयान आयोग के समक्ष 21 फरवरी से 25 फरवरी 2022 के बीच दर्ज किये जाएंगे.
2 सदस्यीय आयोग कर रहा जांच
महाराष्ट्र सरकार ने पुणे में हुई हिंसा की जांच के लिए कोलकात्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति जे.एन.पटेल व राज्य के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मल्लिक की अगुवाई में दो सदस्यीय आयोग का गठन किया है. बता दें कि हर वर्ष बडी संख्या में लोग कोरेगांव स्थित विजय स्तंभ पर श्रद्धांजली अर्पित करने आते है. पुणे पुलिस के अनुसार एल्गार परिषद में दिये गए भडकावू भाषण के चलते पुणे में 2018 में हिंसा हुई थी.