महाराष्ट्र

मुंबई लोकल ट्रेन न चलने से लोग हो रहे परेशान

मंत्री रोज़ दे रहे हैं अलग-अलग बयान

मुंबई/दि. 11 –  कोरोना की तीसरी लहर का डर देखते हुए महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण कम होने के बावजूद प्रतिबंधों में ढील नहीं दी गई है. कोरोना से जुड़े सारे कड़े नियम कायम हैं. इन्हीं प्रतिबंधों का पालन करते हुए मुंबई लोकल ट्रेनों को आम यात्रियों के लिए बंद रखा गया है. स्वाभाविक है कि इससे मुंबई के उन लाखों लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है जो दूूर-दराज के इलाकों से रोज़ मुंबई लोकल पकड़ कर रोजी-रोटी कमाने मुंबई आया करते थे. जैसे-जैसे समय गुजरता जा रहा है, घर बैठे उनकी जमा पूंजी भी खत्म होती जा रही है. अब ऐसे लोग मुंबई लोकल चलने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. लेकिन सरकार का अपना तर्क है कि रोजगार देखते हैं तो जनता की जान जोखिम में पड़ती है. इसलिए लोकल शुरू होने पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है.
ऐसे में कुछ नेता बिना ठोस जानकारी के होते हुए हर रोज़ एक नया बयान दे दिया करते हैं कि ‘लोकल आज शुरू होगी’, ‘लोकल कल शुरू होगी’, ‘कोरोना के आंकड़ों को देखकर निर्णय लिया जाएगा’, वगैरह-वगैरह. इस वजह से जनता का कोई भला नहीं होता, बल्कि जनता की बेसब्री बढ़ती है, इंतजार बढ़ता है और गुस्सा बढ़ता है.

  • इधर-उधर ना दें ध्यान, खुद मुख्यमंत्री देंगे बयान

राज्य में पिछले साल से कड़े प्रतिबंधों की स्थिति कायम है. बीच में कुछ समय ऐसा आया था जब महिलाओं के लिए और कुछ तय समय-सीमा में आम यात्रियों के लिए लोकल शुरू की गई थी. लेकिन यह वक्त बहुत कम रहा. इस तरह से आम यात्रियों की लोकल यात्रा काफी समय से बंद है. जबकि सरकार की ओर से जो ठोस बात समझ आ रही है वो यह कि लोकल को लेकर कोई भी निर्णय सोच-समझ कर लिया जाएगा. इसके लिए विशेषज्ञों के साथ चर्चा की जाएगी. विस्तृत चर्चा के बाद जो भी निर्णय होगा, वह मुख्यमंत्री खुद जनता को बताएंगे.

  • दो मंत्रियों के दो बयान, सही किसे मानें श्रीमान?

हर शुक्रवार को मुख्यमंत्री कोरोना टास्कफोर्स के अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हैं. इसके बाद प्रतिबंधों और नियमों में कितनी ढिलाई देनी है, इस पर निर्णय लिया जाता है. शनिवार को यह वक्तव्य कैबिनेट मंत्री विजय वडेट्टीवार ने दिया. फिलहाल राज्य में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में तो है लेकिन अभी भी ठीक-ठाक संख्या में कोरोना के नए केस सामने आ रहे हैं. इस तरह खतरा अब भी पूरी तरह से टला नहीं है. साथ ही तीसरी लहर की आशंका भी अपनी जगह पर कायम है. ऐसी स्थिति में हालात को देख कर सही निर्णय लिया जाएगा. ऐसा वडेट्टीवार ने कहा.
इस बीच मुंबई के संरक्षक मंत्री अस्लम शेख ने बयान दिया कि लोकल में आम यात्रियों को किस तरह से जाने की अनुमति दी जाए, हम इसकी जानकारी ले रहे हैं. लोकल शुरू करने में तीसरी लहर पर विचार करना जरूरी है. नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, यह हम समझते हैं. हम सभी स्थितियों पर विचार कर रहे हैं. जब तक 50 से 60 प्रतिशत नागरिकों को वैक्सीन नहीं  दे दी जाती, तब तक इस संबंध में कोई निर्णय लेना कठिन है.

  • अब सीएम ही कुछ कहें, कंफ्यूजन दूरे करें

इन रोज़ अलग-अलग वक्तव्यों से अलग-अलग भ्रम फैलता है. ऐसे में आम यात्रियों के मन में एक ही बात है कि मुख्यमंत्री खुद जनता के सामने आएं और सही-सही बताएं कि लोकल कब से शुरू हो रही है. अगर अगले छह महीने भी लोकल शुरू नहीं होने वाली है तो यह भी स्पष्ट तौर से बता दें. इससे जनता के मन से कंफ्यूजन दूर होगा और वे आने-जाने की वैकल्पिक व्यवस्था की सही तरह से प्लानिंग कर पाएंगे.

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