महाराष्ट्र

कोरोना की बजाय दूसरी बीमारियों से ज्यादा मर रहे लोग

प्रज्ञा फाउंडेशन की रिपोर्ट

मुंबई/दि.२३ – कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में की गई उपाय योजना के तहत आनन-फानन में लॉकडाउन लगा दिया गया. जिसमें कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ८० फीसदी अस्पताल आरक्षित कर दिए गए. किसी भी बीमारी की वजह से अस्पताल में जाने वाले शख्स को कोरोना संक्रमण के लिए जांच की जाने लगी. सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम दूसरी बीमारियों से झूज रहे मरीजों के लिए जानलेवा साबित हुआ.आंकडो के मुताबिक साल २०१९ के मई महीने में मुंबई में कुल ६८३२ लोगों की मौत हुई थी.
जबकि इस साल मई महीने में महानगर में कुल १३,८३३ लोगों ने अपनी जान गवाई है. पिछले साल की तुलना में इस साल ६०४४ ज्यादा लोगों की मौत हुई. इनमें सिर्फ ९५७ लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुए थी. मंगलवार को जारी गैरसरकारी संस्था प्रज्ञा फाउंडेशन की रिपोर्ट से दावा किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण के बजाय दूसरी बीमारियों से ज्यादा लोगों की जान गई है. मुंबई में स्वास्थ्य की स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी करते हुए प्रज्ञा फाउंडेशन के ट्रस्टी निताई मेहता ने कहा कि महामारी के दौरान पता चला है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा से जुडा बुनियादी ढांचा किस तरह चरमराया हुआ है.

जानलेवा बीमारियां

कोरोना संक्रमण से मुंबई में रोजाना औसतन ४६ लोगों की मौत हो रही है. लेकिन साल २०१८ के आंकडो के मुताबिक महानगर में रोजाना औसतन डायबटिज से २९,कैंसर से २८, सास की बीमारी से २२ और टिबी से १४ लोगों की जान चली जाती है. यह सभी बीमारियां जानलेवा है.

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