मंडलों में 4 फूट व घरों में 2 फूट के ‘बाप्पा’ को अनुमति
इस बार भी गणेशोत्सव पर जारी रहेंगे कडे प्रतिबंध
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मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाबों में ही करना होगा
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सार्वजनिक मंडलोें को स्थानीय प्रशासन से पूर्व अनुमति लेना रहेगा आवश्यक
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कोविड नियमावली का पालन करते हुए बिना तामझाम के मनाना होगा गणेशोत्सव
मुंबई/दि.29 – आगामी सितंबर माह में भक्तों के लाडले गणपति बाप्पा का आगमन होनेवाला है. प्रति वर्ष समूचे राज्य में दस दिवसीय गणेशोत्सव का पर्व बडी धूमधाम और भव्य-दिव्य तरीके से मनाया जाता है. किंतु गत वर्ष यह पर्व भी कोविड संक्रमण के साये से अछूता नहीं रहा. क्योंकि उस समय कोविड संक्रमण की पहली लहर चल रही थी. वहीं इस बार बाप्पा का उत्सव किस तरह मनाया जायेगा, इसे लेकर सभी लोगों में काफी उत्सूकता थी. साथ ही बाप्पा के भक्त इस बार गणेशोत्सव में काफी हद तक छूट मिलने की प्रतीक्षा कर रहे थे. किंतु गत वर्ष की तरह ही इस बार भी बाप्पा के भक्तों को निराशा का ही सामना करना पडेगा, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा गणेशोत्सव को लेकर एक नियमावली जारी की गई है. जिसमें गणेश प्रतिमा की उंचाई को लेकर निर्देश देने के साथ ही कहा गया है कि, सभी सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा बिना किसी तामझाम के बेहद सामान्य तरीके से गणेशोत्सव मनाया गया.
इस संदर्भ में सरकार की ओर से जारी आदेश में सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों हेतु चार फूट व घरेलू गणेश प्रतिमाओं हेतु दो फूट उंची गणेश मूर्तियों की मर्यादा तय करने के साथ ही कहा गया है कि, सभी सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को स्थानीय स्वायत्त प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी तथा कोविड संक्रमण की वजह से उपजे हालात के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन द्वारा तय की गई नीतियों के मुताबिक मर्यादित स्वरूप में मंडप बनाये जाये. जिसमें किसी भी तरह के ताम-झाम अथवा साज-सज्जा का समावेश न किया जाये. साथ ही सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों में कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का बेहद कडाईपूर्वक पालन किया जाये. इस आदेश में कहा गया है कि, इस वर्ष जहां तक संभव हो, पारंपारिक गणेश मूर्ति की बजाय घर में स्थापित पितल अथवा संगमरमर की मूर्ति का पूजन किया जाये. साथ ही यदि शाडू मिट्टी से बनी मूर्ति स्थापित की जाती है, तो उसका विसर्जन जहां तक संभव हो, घर में ही किया जाये और यदि घर में विसर्जन करना संभव नहीं है, तो घर के आसपास प्रशासन द्वारा बनाये गये कृत्रिम विसर्जन स्थल पर मूर्ति का विसर्जन किया जाये. इसके अलावा गणेशोत्सव हेतु दान व चंदा जमा करने के लिए किसी से कोई जोर-जबर्दस्ती न की जाये और लोगों को आकर्षित करने हेतु गणेशोत्सव मंडल की बिना वजह विज्ञापन बाजी न की जाये. साथ ही स्वास्थ्य विषयक व सामाजिक संदेश देनेवाले विज्ञापन प्रसारित किये जाये. इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बजाय रक्तदान शिबिर एवं विभिन्न बीमारियों तथा स्वच्छता को लेकर जनजागृति करनेवाले स्वास्थ्य विषयक उपक्रम आयोजीत किये जाये. सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों में आरती, भजन, कीर्तन व अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजीत करते समय किसी भी तरह की भीडभाड नहीं होगी, इसे लेकर विशेष ध्यान दिया जाये और श्री दर्शन की सुविधा ऑनलाईन, केबल नेटवर्क, वेबसाईट व फेसबुक के जरिये उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाये. गणेशोत्सव मंडल में ध्वनी प्रदूषण से संबंधित नियमों का कडाई से पालन करने के साथ ही गणपति मंडप में सैनिटाईजेशन व थर्मल स्क्रिनिंग की पर्याप्त व्यवस्था की जाये और दर्शन करने हेतु आनेवाले भाविकों से फिजीकल डिस्टंसिंग, मास्क व सैनिटाईजर संबंधी नियमोंं का अनिवार्य तौर पर पालन करवाया जाये.
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स्थापना व विसर्जन अवसर पर नहीं निकलेगी शोभायात्रा
सरकार की ओर से जारी आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि, इस वर्ष भी गणेश स्थापना व गणेश विसर्जन के अवसर पर किसी भी तरह के जुलुस अथवा शोभायात्रा का आयोजन नहीं किया जा सकेगा और विसर्जन के समय विसर्जन स्थल पर होनेवाली पारंपारिक आरती घर पर ही करनी होगी, ताकि विसर्जन स्थल पर कम से कम समय रूकना पडे. साथ ही छोटे बच्चों व वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा की दृष्टि से विसर्जन स्थल पर ले जाना टाला जाये. इसके अलावा बहुमंजिला इमारतों व चाल में रहनेवाले लोगों द्वारा स्थापित गणेश मूर्तियों के विसर्जन का जुलुस एक साथ न निकाला जाये. इसके अलावा इस आदेश में महानगर पालिका, विविध मंडल, गृह निर्माण संस्था, स्वयंसेवी संस्था तथा जनप्रतिनिधियों की सहायता से गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन हेतु जगह-जगह पर कृत्रिम तालाब बनाने का भी निर्देश दिया गया. साथ ही कहा गया है कि, कोविड-19 वायरस के संक्रमण को रोकने हेतु सरकार की राहत व पुनर्वसन, स्वास्थ्य, पर्यावरण, वैद्यकीय शिक्षा विभाग तथा महानगरपालिका, पुलिस विभाग, स्थानीय प्रशासन की ओर से जारी नियमों का पालन करना सभी के लिए बेहद अनिवार्य व आवश्यक रहेगा. इसके अलावा आगामी समय में सरकार की ओर से हालात की समीक्षा करते हुए अन्य जो भी आदेश जारी किये जायेंगे, उनका भी सभी को अनिवार्य तौर पर पालन करना होगा.