मुंबई/दि.24- प्रदेश की राजनीति में गत कुछ वर्षो में बडी उथल-पुथल हो रखी है. इसी कडी में हाल ही में अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर समूचे महाराष्ट्र को चौंका दिया था. पवार के साथ अनेक विधायक भाजपा के साथ हो लिए. शरद पवार ने इसका विरोध किया है. उन्होंने महाविकास आघाडी में रहने की घोषणा के साथ गत दिनों बैंगलोर में हुई विपक्षी दलों की बैठक में भी उपस्थिति दर्ज कराई थी. जिससे शरद पवार की भूमिका कायम रहने की संभावना बताई गई.
नए घटनाक्रम के अनुसार पवार के साथ रहे विधायकोें में भी दो मतप्रवाह तैयार हो गए है. सत्ता में रहने से लोगों के काम करने और इससे पार्टी भी मजबूत की जा सकती है, इस प्रकार की राय कुछ विधायकों ने व्यक्त की है. यह विधायक शरद पवार को सत्ता में सहभागी होने का अनुरोध कर रहा है. हाल ही में अजीत पवार ने राकांपा नेताओं के साथ साहब से यशवंतराव चव्हाण सेंटर में दो बार मुलाकात की. एक प्रमुख समाचारपत्र ने खबर दी है कि उन्होंने बडे पवार से अपने साथ आने, पार्टी को सुदृढ करने की विनती की है. दिल्ली के विरष्ठ भाजपा नेता भी शरद पवार को साथ आने के लिए आग्रही रहने का दावा समाचार में किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलहाल राकांपा नेताओं को मंत्री पद देने की मांग मंजूर की है. किंतु शरद पवार भाजपा के साथ आने पर उनका सम्मान होगा. केंद्रीय मंत्रीमंडल में महत्वपूर्ण विभाग शरद पवार को ऑफर किए जाने का दावा खबर में किया गया है. यह भी कहा गया कि भाजपा के सर्वेक्षण में महायुति को कम स्थान मिलते दिखाई दे रहे. इसलिए राकांपा का अजीत पवार गट सत्ता में साथ आ गया. किंतु शरद पवार भी भाजपा के साथ आ जाए, ऐसी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की इच्छा रहने का दावा उन्होंने किया.