बेमौसम बारिश से बिगड गया कृषि कार्य का नियोजन

फसल के लिए जुताई में हुई देरी

* मौसम साफ हो जाने से किसान जुटे तैयारी में
अमरावती/दि.6-इस वर्ष मई महीने में ही जिले में हुई जोरदार बेमौसम बारिश ने किसानों की तैयारियों पर पानी फेर दिया है. बारिश के चलते खरीफ फसल के लिए की जाने वाली जुताई में काफी देरी हुई है. हालांकि पिछले दो-तीन दिनों से मौसम साफ होने के बाद किसान अब ट्रैक्टर और बैलजोडियों की मदद से खेतों की जुताई शुरू कर चुके हैं. खेतों में किसानों की चहल-पहल फिर से दिखाई देने लगी है. पिछले पखवाडे से रुक-रुक कर हुई बरसात ने खासतौर पर तिल
की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
आमतौर पर मार्च के अंत और अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक खरीफ और रबी फसलों की कटाई हो जाती है और खेत खाली होने लगते हैं. इसके बाद अप्रैल में किसान जुताई में करने में जुट जाते हैं, ताकि खेत की मिट्टी गर्म हो सके और आगामी फसल के लिए उपजाऊ बन सके. लेकिन इस बार लगातार बारिश के कारण यह काम अधूरा रह गया है. गर्मी में जुताई का खेती के लिए विशेष महत्व रहता है. इससे खेतों में मौजूद कीटाणु और फंगस नष्ट हो जाते हैं, जिससे बीजों की अंकुरण क्षमता भी बढती है और फसल अच्छी होती है. खेत जितना ज्यादा समय गर्म रहेगा, फसलों पर रोगों का प्रभाव उतना ही कम होगा. मगर इस बार मई का महीना, जो आमतौर पर सबसे गर्म माना जाता है, बारिश में भीगता रहा. इसका असर न केवल जुताई पर पडा, बल्कि तिल की फसल को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों को बडा आर्थिक झटका भी लगा. अब जबकि पिछले चार दिनों से मौसम साफ है, किसान तेजी से खेतों की जुताई करने में जुट गए हैं. खरीफ की बुआई के ठीक पहले मौसम का साफ होना जहां एक ओर राहत लेकर आया है, वहीं दूसरी ओर यह चिंता भी बढा रहा है.
* 8 जून से मृग नक्षत्र की शुरूआत
अब तीन दिन बाद, यानी 8 जून को मृग नक्षत्र की शुरूआत होगी. किसानों की मान्यता है कि मृग नक्षत्र में अच्छी बारिश होने पर फसल अच्छी होती है और पैदावार में भी इजाफा होता है. लेकिन मृग नक्षत्र के शुरू होने से ठीक पहले ही बारिश का रुकना चिंता की स्थिति का संकेत दे रहा है. यदि इस नक्षत्र में बारिश नहीं हुई, तो खरीफ सीजन की बुआई और उत्पादन दोनों प्रभावित हो सकते है.

Back to top button