-
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने दी जानकारी
-
ज्यादा शुल्क लेने पर होगी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई
मुंबई/दि.२५ – सर्वसामान्य मरीजों के लिए एक बडी राहतवाली खबर प्राप्त हुई है. जिसके मुताबिक राज्य सरकार ने सिटी स्कैन व प्लाज्मा की दरें निश्चित की है. अब सिटी स्कैन की दरों को १२ हजार रूपये से घटाकर ३ हजार रूपये तय किया गया है, वहीं कोरोना संक्रमित मरीज का प्लाज्मा थेरेपी के जरिये उपचार करने हेतु प्लाज्मा अॅफेरॅसीस पध्दति से संकलित किये गये प्रति डोज प्लाज्मा बैग (२०० मिली) के लिए निजी व सहकारी ब्लड बैंक एवं अस्पतालों को मरीजों से अधिकतम साढे ५ हजार रूपये का शुल्क लेने की अनुमति दी गई है. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गत रोज ट्विटर के जरिये उपरोक्त जानकारी दी है.
उल्लेखनीय है कि, कोरोना संक्रमण के लगातार बढते खतरे के बीच टेस्ट करवाने, उसकी रिपोर्ट की प्रतिक्षा करने का काम काफी जरूरी हो गया है. इसमें भी अब डॉक्टरों द्वारा कोरोना के साथ ही एचआरसीटी यानी फुफ्फुसों का सिटी स्कैन करने हेतु कहा जाता है. करीब १० से १५ मिनट में होनेवाले इस सिटी स्कैन की रिपोर्ट के जरिये स्वास्थ्य विशेषज्ञ पता करते है कि, संबंधित मरीज को कोरोना हुआ है अथवा नहीं और संक्रमण की वजह से उसके फुफ्फुस कितने प्रभावित हुए है, जिसके आधार पर संबंधित मरीज का इलाज करना कुछ हद तक आसान हो जाता है.
ऐसे में इन दिनों लगभग सभी निजी कोविड अस्पतालों द्वारा सभी कोरोना संदेहित मरीजों को कोरोना टेस्ट के साथ ही सिटी स्कैन भी करने हेतु कहा जाता है, लेकिन निजी अस्पतालों के जांच केंद्रों में सिटी स्कैन की दरें काफी अलग व अधिक होती है, जो सर्वसामान्य व्यक्ति अदा नहीं कर पाता. ऐसे में सिटी स्कैन की दरें निश्चित करने हेतु एक समिती गठीत की गई थी. जिसकी सिफारिशों के आधार पर अब सिटी स्कैन की नई दरें तय की गई है.
कितनी है नई दरें
बता दें कि, पहले सिटी स्कैन हेतु निजी अस्पतालों द्वारा १२ हजार रूपयों का शुल्क लिया जाता था. जिसे अब राज्य सरकार द्वारा कम करते हुए ३ हजार रूपये तय किया गया है. इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीज का प्लाज्मा थेरेपी के जरिये उपचार करने हेतु प्लाज्मा अॅफेरॅसीस पध्दति से संकलित किये गये प्रति डोज प्लाज्मा बैग (२०० मिली) के लिए निजी व सहकारी ब्लड बैंक एवं अस्पतालों को मरीजों से अधिकतम साढे ५ हजार रूपये का शुल्क लेने की अनुमति दी गई है. यदि किसी अस्पताल द्वारा इससे अधिक दरें ली जाती है, तो उन्हें मरीजों को अतिरिक्त रकम का रिफंड करना होगा. अन्यथा संबंधित अस्पतालों व ब्लड बैंकों के खिलाफ लाईसेन्स रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है.