महाराष्ट्र

१३ वर्षो से इस्तेमाल कर रहा था पुलिसिया पहचान पत्र

सनसनीखेज मामला : पुलिस रिकार्ड का अपराधी

पुणे./दि.१७ – दंगल, फिरौती और आगजनी जैसे अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधी ने ही पुलिस विभाग के नाम का नकली पहचानपत्र बनाकर धड़ल्ले से पहचान पत्र का उपयोग करने का मामला सामने आया है. उसके खिलाफ हड़पसर पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया है. पता चला है कि अपराधी ने यह पहचानपत्र २००७ में बनवाया था. १३ वर्षो से वह उक्त पहचानपत्र सरेआम उपयोग में ला रहा था. आरोपी का नाम हड़पसर के तिरूपति सोसायटी में रहनेवाले इम्तियाज इदरिस मेमन बताया गया है. अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त बच्चनसिंग को उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस पहचानपत्र की एक झेरॉक्स देकर उसकी जांच पड़ताल करने की जानकारी दी थी. जिसके तहत अपराध शाखा युनिट पांच के अधिकारियों ने मेमन को बुलाकर उसकी जांच शुरू की. शुरूआत में उसने टालमटोल जवाब दिया. इसके बाद पुलिस ने जब रिकार्ड जांचे तो उसके खिलाफ हड़पसर व वानवाडी पुलिस थाने में दंगल , आगजनी और फिरौती मांगने के ५ अपराध दाखिल होने की जानकारी सामने आयी. इसके बाद पुलिस ने अपना तेवर दिखाते हुए उसने नकली पुलिस पहचान पत्र बनाने की बात कबूल की. वर्ष २००७ में उसने पहचानपत्र तैयार कर उस पर खुद का नाम, फोटो और जन्मतिथि लिखकर वह पहचानपत्र का उपयोग कर रहा था. हडपसर पुलिस थाने में उसके खिलाफ अपराध दर्ज कर उसे हिरासत में लिया गया है. यह कार्रवाई अफसर पुलिस आयुक्त अशोक मोराले, पुलिस उपायुक्त बच्चनसिंग, सहायक पुलिस आयुक्त लक्ष्मण बोराटे,वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक भास्कर जाधव, सहायक पुलिस निरीक्षक संतोष तासगांवकर, उपनिरीक्षक शेंडगे,प्रदीप सर्वे, भरत रणसिंग, अहमद पठान, दया शेखर, अंकुश जोगदंड, संजयकुमार दलवी ने की.

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