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भीमा-कोरेगांव हिंसा के लिए पुलिस जिम्मेदार

मुंबई/दि.5– वर्ष 2018 में 1 जनवरी को भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा एक तरह से पुलिस की असफलता है. क्योेंकि उस समय सभी व्यवस्थाएं की गई थी. परंतू उनका योग्य तरीके से उपयोग नहीं किया गया. यही वजह है कि कार्यक्रम के दौरान ही दो गुट आपस में भिड गये और हिंसा हुई. इस आशय का जवाब राकांपा अध्यक्ष शरद पवार द्वारा भीमा-कोेरेगांव मामले की जांच कर रहे आयोग को दिया गया है. ऐसी जानकारी सामने आयी है.
उल्लेखनीय है कि, यद्यपि भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा को हुए तीन वर्ष से अधिक समय हो चुका है, लेकिन इसे लेकर अब भी विवाद खत्म नहीं हुआ है. इस हिंसा के बाद पुलिस द्वारा कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था और तब से यह मामला कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है.

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