महाराष्ट्र

तापमान अधिक होने से अनार की लाली फीकी पडी

अनार की आवक बाजार में कम

*विविध रोगों के प्रकोप के कारण बगीचे काटना पडे
पुणे/ दि. 11-मौसमी बारिश की अनुपस्थिति होने के कारण राज्य के अनार उत्पादक अडचन में आ गए है. तापमान में वृध्दि, बारिश का अभाव मृगबहार की छटनी 50 % से घटी है. छटनी होनेवाले बगीचे भी पानी के अभाव में अडचन में आ गए है.
विगत वर्ष में मृग बहार में 40 हजार हेक्टर पर बगीेचे में फल आए थे. इस बार जैसे तैसे 20 हजार हेक्टर पर ही फल लगे. बारिश के अभाव में फूल कम लगे है.
फूलों से फल उत्पन्न होने में अडचने आ रही है. तापमान कम न होने के कारण फल के बढने पर भी परिणाम होता है. अनार के बगीचे जून माह के अंत में फलेफुले रहते है. इस समय तापमान कम और हल्की बारिश की जरूरत होती है. ऐसी पोषक स्थिति इस बार नहीं बनी. कम बारिश और कीट के प्रभाव के कारण अनार के बगीचे खराब हो गए. कुछ जगह पर नये तरीके से रोपित किए जाने से अखिल भारतीय अनार संघ के अध्यक्ष प्रभाकर चांदणे ने बताया कि राज्य में दो वर्ष पूर्व लगभग 2 लाख हेक्टर पर अनार का रोपण किया जाता था. विविध रोगों का प्रकोप होने से एक लाख हेक्टर के बगीचे काटना पडा था. एक लाख हेक्टर के बगीचे मोसमी बारिश की अनुपस्थिति होने से तथा अन्य रोगों के प्रकोप के कारण अडचन में आ गए है.

अनार के बगीचे हरेभरे करने का आव्हान
इंदापुर, सांगोला, आटपाडी, कवठे महांकाल और सौलापुर परिसर में जून माह में औसतन तापमान 35 अंश सेल्सिअस रहा. जिसके कारण फूल कम लगे. आए फूल गलकर नीचे गिर पडे. फल उंगने की जगह पर फल बढते हुए नहीं दिखाई देते. हाल ही में अनार के बगीचों को पूरी तरह पानी भी नहीं दे सकते, ऐसी स्थिति है.

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