महाराष्ट्र

कोरोना में प्रबोधन प्रकाशन ने कमाए 11.5 करोड

हाईकोर्ट में संपत्ति की जांच हेतु याचिका

गौरी भिडे ने आदित्य और रश्मी को भी बनाया प्रतिवादी
मुंबई दि.20- उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और रश्मी ठाकरे की संपत्ति की जांच की मांग करने वाली याचिका गौरी भिडे ने उच्च न्यायालय में दायर की है. याचिका में आरोप लगाया गया कि, ठाकरे परिवार के पास भारी संपत्ति कहीं काले धन को सफेद करने का मामला तो नहीं. अपनी अर्जी में भिडे ने कहा कि, उनके पिता अभय (78) का भी प्रिंटिंग का बिजनेस है. मगर वे कोरोना संकट के कारण इतना नहीं कमा पाये. जबकि ठाकरे परिवार के प्रबोधन प्रकाशन ने कोरोनाकाल में 11.5 करोड रुपए लाभ बताया है.
* आदित्य के शपथ पत्र में जानकारी
भिडे ने आदित्य ठाकरे द्बारा वरली सीट से चुनाव लडते समय प्रस्तुत किये गये संपत्ति ब्यौरे का हवाला दिया. इस ब्यौरे में ठाकरे ने प्रिंटींग प्रेस का व्यवसाय होने का उल्लेख किया था. यह भी बताया गया कि, ठाकरे परिवार सामना और साप्ताहिक मार्मिक का प्रकाशक है. भिडे ने इसमें पडताल की, तो उन्हें काफी भयंकर खुलासे हाथ लगे. जिसके अनुसार दोनों प्रकाशक का कभी अधिकारिक रुप से ऑडिट नहीं हुआ है. उनका प्रसार संख्या का भी आंकडा नहीं है. भिडे का कहना है कि, सामना और मार्मिक के प्रकाशन से इतनी कमाई नहीं लगता कि, होती होगी. जिस तरह की लाइफ स्टाइल ठाकरे परिवार जीता है. भिडे का आरोप है कि, ठाकरे परिवार के राजनीतिक संगठन शिवसेना और उसके नगर सेवक खासकर मुंबई मनपा के स्थायी समिति पदाधिकरी और अध्यक्ष का ठाकरे की संपत्ति में कथित रुप से योगदान हैं.
* जब सब ठप था
भिडे ने यह भी कहा कि, कोरोना के कारण लॉकडाउन हुआ था. सभी प्रकाशन संस्थाएं भारी घाटे में आ गई थी. इसके बावजूद ठाकरे का प्रबोधन प्रकाशन का प्रदर्शन शानदार रहा. इस प्रकाशन द्बारा ही साप्ताहिक मार्मिक और दैंनिक सामना का प्रकाशन होता है. इस प्रकाशन में 42 करोड रुपए का कारोबार किया और 11.5 करोड रुपए कमाये. इस कमाई पर भिडे को आश्चर्य हो रहा है. भिडे ने आरोप लगाया कि, इसी दौरान उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री और आदित्य ठाकरे मंत्री थे. कहीं उनका काला धन तो सफेद करने की कोशिश नहीं हुई?

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