महाराष्ट्र

फर्जी नोट मामले में धरा गया प्रहार पार्टी का जिलाध्यक्ष पवार

  • पवार के खिलाफ इससे पहले भी दुपहिया चोरी सहित कई अपराधिक मामले दर्ज

  • पुसद के बाद अब पांढरकवडा से भी जुडे फर्जी नोट मामले के तार

हिंगोली हिंस/दि.९ – विगत दिनों हिंगोली में उजागर हुए फर्जी नोट (Fake note) मामले के तार यवतमाल जिले के पुसद के बाद अब पांढरकवडा से भी जुडते नजर आ रहे है और सोमवार की रात प्रहार जनशक्ति पार्टी के पांढरकवडा-वणी जिलाध्यक्ष विलास पवार (Vilas Pawar) को हिंगोली पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
इस मामले में विलास पवार का सीधा सहभाग है अथवा वह नोटों का विनियोग करने में शामिल था, इस बात की हिंगोली पुलिस द्वारा जांच की जा रही है. बता दें कि, विगत ३ सितंबर को हिंगोली ग्रामीण पुलिस के एटीएस (ATS) व उपविभागीय पुलिस अधिकारी के पथक ने हिंगोली शहर के आनंद नगर परिसर में छापा मारकर एक महिला व एक पुरूष को फर्जी नोटों की छपाई के मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में धरे गये मुख्य आरोप संतोष सूर्यवंशी के प्रहार पार्टी के जिलाध्यक्ष विलास पवार के साथ बेहद नजदीकी संबंध रहने की बात पुलिस जांच में सामने आयी. विलास पवार पर इससे पहले विविध प्रकार के अपराध दर्ज है. साथ ही यवतमाल की स्थानीय अपराध शाखा ने दुपहिया चोरी के एक मामले में विलास पवार को जांच हेतु हिरासत में लिया था. साथ ही उसके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत भी अपराध दर्ज हुआ था.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मूलत: यवतमाल जिले के महागांव तहसील का निवासी विलास पवार कालांतर में पांढरकवडा में रहने लगा तथा रेती तस्करी के मामले में कथित सीए के साथ ३५ लाख रूपये की जालसाजी व १ करोड रूपये के एक अन्य मामले सहित फर्जी पदवियों के मामले में भी पवार का नाम बेहद चर्चा में था. साथ ही अब हिंगोली पुलिस ने उसे फर्जी नोटों के मामले में गिरफ्तार किया है. बता दें कि, इस मामले में सबसे पहले संतोष सूर्यवंशी व छाया भुक्तार नामक दो मुख्य आरोपियोें को गिरफ्तार करते हुए हिंगोली पुलिस ने पुसद निवासी शेख इमरान व विजय कुरुडे को गिरफ्तार किया था. वहीं अब इस मामले के तार पांढरकवडा से भी जुड गये है.

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