मृत्यु के कुछ घंटे पूर्व प्रतिक्षा पाटिल ने लिखी भावनिक पोस्ट
अनेकों के आंखों से आसू झलके

चालीसगांव/दि.3– ‘आज मेरे पास क्या नहीं है…गाडी है, बंगला है, क्लास वन अधिकारी पति… लेकिन आज कल किसका कौनसा दिन अंतिम रहेगा यह बताया नहीं जा सकता…इस कारण दोस्तों मस्त जीओ…छोटी-छोटी बातों का लुफ्त उठाओ… किसी से तुलना मत करो’ मृत्यु के कुछ घंटे पूर्व सोशल मीडिया पर लिखि यह भावनिक पोस्ट है प्रतीक्षा समाधान पाटिल की.
27 फरवरी को इस विवाहिता की कैंसर से मृत्यु हो गई. पिछले एक साल से वह कैंसर से जूज रही थी. पिता मनोहर आत्माराम पाटिल यह जी. एस. पत संस्था के पूर्वाध्यक्ष है. प्रतिक्षा की शिक्षा एमए डीएड थी. जलगांव तहसील के कुसुंबा की प्राथमिक शाला में वह मुख्याध्यापक के रुप में कार्यरत थी. मृत्यु पूर्व महिलाओं को संबोधित करते हुए लिखि हुई उसकी यह भावनिक पोस्ट जिले में सभी तरफ वायरल हुई. सोशल मीडिया पर वायरल हुई उसकी इस पोस्ट से अनेकों की आंखे छलक उठी. प्रतिक्षा समाधान पाटिल का विवाह 24 वर्ष की आयु में यावल वनविभाग के वन अधिकारी समाधान पाटिल से हुआ था. वह जलगांव में ही रहती थी. शुरुआत में जीभ पर फोडा होने के बाद प्रतीक्षा ने उस पर उपचार किया. तीन महिने उपचार शुरु था. लेकिन बाद में जीभ पर गांठ हो गई. जांच के दौरान गांठ कैंसर की निदान होने से संपूर्ण परिवार सुन्न हो गया. जानलेवा इस बीमारी का भी उसने सामना किया. 20 दिन पूर्व उसकी शस्त्रक्रिया हुई. उसकी जीभ कांटी गई और उसका वजन 10 किलो कम हो गया. अब मुझे बोलते नहीं आ सकेगा, इसका दुख भी उसने अपने पोस्ट में व्यक्त किया. शस्त्रक्रिया के बाद केवल 20 दिनों के बाद ही उसका निधन हो गया. अपनी पोस्ट में वह आगे लिखती है कि, ‘दोस्तो हम सभी की तरफ ध्यान देते है और खुद की तरफ अनदेखी करते है, भविष्य में सभी लोग सामने रहते तबीयत अच्छी रही, तो ही हम उसका आनंद ले सकते है. लेकिन मृत्यु के दरवाजे से जो वापिस लौटता है, उसे जीवन का मूल्य पता रहता है. इस कारण छोटी-छोटी बातों में खुश रहो…जीवन जीओ’ ऐसा संदेश देने वाली प्रतिक्षा की इस अंतिम भावनिक पोस्ट की चर्चा संपूर्ण जिले में है.