प्रीति बंड, धाने पाटील, नाना नागमोते, आशीष धर्माले, प्रवीण अलसपुरे व मनोहर बुध पार्टी से निष्कासित
उद्वव का दौरा निपटते ही ठाकरे गुट का बड़ा कदम
* शिवसेना उबाठा ने बगावत के खिलाफ की कार्रवाई
* पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ ने जारी की निष्कासन की खबर
अमरावती /दि.8- बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाडी के तहत शिवसेना उबाठा के प्रत्याशी रहने वाले सुनील खराटे के खिलाफ बगावत करने वाली प्रीति बंड और उनके समर्थकों को शिवसेना उबाठा द्वारा पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. जिनमें पार्टी की जिला संगठक प्रीति बंड, जिला समन्वयक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल व नाना नागमोते, युवा सेना जिला प्रमुख उमेश शहाणे, बडनेरा के उपजिला प्रमुख प्रवीण अलसपुरे, अमरावती तहसील प्रमुख आशीष धर्माले व भातकुली तहसील प्रमुख मनोहर बुध का समावेश है. इस आशय का पत्र शिवसेना के मध्यवर्ती कार्यालय से जारी किया गया है. जिसकी जानकारी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ द्वारा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि, गत रोज ही शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे का अमरावती जिला दौरा हुआ. जिसके तहत उद्धव ठाकरे ने दर्यापुर एवं वलगांव में प्रचार सभाओं को संबोधित करने के साथ ही बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में भी पार्टी प्रत्याशी रहने वाले सुनील खराटे के प्रचार हेतु रैली व जनसभा की, जहां पर पार्टी प्रत्याशी सुनील खराटे के खिलाफ पार्टी की महिला पदाधिकारियों प्रीति बंड द्वार बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडा जा रहा है और पार्टी के कई पदाधिकारी प्रीति बंड की दावेदारी का समर्थन भी कर रहे है. ऐसे में उद्धव ठाकरे का दौरा निपटते ही शिवसेना उबाठा द्वारा बागी प्रत्याशी प्रीति बंड एवं उनके समर्थकों को पार्टी से निष्कासित करने का आदेश जारी किया गया. शिवसेना उबाठा के मध्यवर्ती कार्यालय से जारी किये गये पत्र में कहा गया है कि, इन सभी पदाधिकारियों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते पार्टी से निष्कासित किया गया है.
खास बात यह है कि, बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र सहित अमरावती जिले के इतिहास में शिवसेना (ठाकरे गुट) द्वारा पहली बार इतने पदाधिकारियों को एकसाथ बाहर निकाला गया है. पहले ही बगावत का शिकार होकर दो गुटों में विभाजीत हो जाने के चलते अब ठाकरे गुट वाली शिवसेना में पदाधिकारियों व शिवसैनिकों की काफी हद तक कमी है. वहीं अब पार्टी द्वारा उठाये गये इस कदम के चलते बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र सहित अमरावती में ठाकरे गुट वाली शिवसेना काफी हद तक खाली हो गई है. क्योंकि पार्टी द्वारा तीन बार विधायक रह चुके दिवंगत संजय बंड की पत्नी प्रीति बंड सहित दो बार के विधायक रहे ज्ञानेश्वर धाने पाटिल, विगत 30 वर्षों से शिवसेना के साथ जुडे रहने वाले फसल मंडल उपसभापति नाना नागमोते, कठोरा ग्रामपंचायत पर अपनी मजबूत पकड रखने वाले प्रवीण अलसपुरे तथा बोरगांव धर्माले क्षेत्र में अपना अच्छा खासा दबदबा रखने वाले आशीष धर्माले सहित भातकुली के तहसील प्रमुख मनोहर बुध जैसे प्रमुख पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. जिसके चलते बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी को नुकसान होने की पूरी संभावना देखी जा रही है.
* प्रीति बंड को मिल सकता है सहानुभूति का लाभ
यहां यह बात सर्वाधिक उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2019 में युति प्रत्याशी के तौर पर बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड चुकी प्रति संजय बंड बेहद मामूली अंतर से चुनाव हारी थी. उस समय भी उसके साथ बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र की जनता की सहानुभूति की लहर साथ थी. वहीं इस बार के चुनाव के लिए भी प्रीति बंड ने पार्टी नेतृत्व के कहने पर अपनी तैयारी शुरु करते हुए प्रचार व जनसंपर्क अभियान शुरु कर दिया था. परंतु ऐन समय पर उनकी टिकट कट गई और शिवसेना उबाठा द्वारा बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के जिला प्रमुख सुनील खराटे को प्रत्याशी घोषित किया गया. ऐसे में पूर्व विधायक संजय बंड के समर्थक रहने वाले शिवसैनिकों में रोष की लहर फैल गई और उन्होंने प्रीति बंड को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने हेतु राजी किया. इसके चलते प्रीति बंड ने नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन अपना नामांकन दायर किया और वे मैदान में डटी रही. ऐसे में पुराने शिवसैनिकों के बीच प्रीति बंड की स्थिति पहले से ही कुछ हद तक मजबूत मानी जा रही थी. वहीं अब पार्टी द्वारा उन्हें निष्कासित कर दिये जाने के चलते शिवसेना समर्थकों में प्रीति बंड को लेकर और भी अधिक सहानुभूति देखी जा रही है. जिसका उन्हें निश्चित तौर पर फायदा मिल सकता है.
* कार्रवाई की टायमिंग को लेकर सवाल
बता दें कि, प्रीति बंड ने विगत 29 अक्तूबर को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया. साथ ही 4 नवंबर को नामांकन वापसी के अंतिम दिन तक उन्होंने अपना नामांकन पर्चा भी पीछे नहीं लिया था. लेकिन उस समय पार्टी नेतृत्व द्वारा प्रीति बंड एवं उनके समर्थकों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया. वहीं कल जैसे ही पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे तथा वरिष्ठ नेता अरविंद सावंत का अमरावती जिला दौरा निपटा, उसके तुरंत बाद पार्टी द्वारा प्रीति बंड एवं उनके समर्थकों को पार्टी से निष्कासित करने का आदेश जारी किया गया. ऐसे में अब इस टायमिंग को लेकर सवाल उपस्थित किये जा रहे है तथा माना जा रहा है कि, यदि उद्धव ठाकरे के दौरे से पहले ही प्रीति बंड व उनके समर्थकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया जाता, तो शायद उद्धव ठाकरे को अमरावती के वलगांव एवं बडनेरा क्षेत्र में जनसभाओं के दौरान अपनी ही पार्टी के कुछ पदाधिकारियों की ओर से विरोध का सामना करना पडता. जिसके चलते पार्टी द्वारा बेहद सतर्कता के साथ प्रीति बंड व उनके समर्थकों को पार्टी से निष्कासित करने का कदम उद्धव ठाकरे का दौरा निपट जाने के बाद उठाया गया.