महाराष्ट्र

राष्ट्रपति शासन लगाना कोई बच्चों का खेल नहीं

विपक्षियों पर बरसे राकांपा प्रमुख शरद पवार

मुंबई हिंस/दि.२२ – इस समय जहां एक ओर कोरोना को लेकर हालात काफी बिकट हो चले है, वहीं दूसरी ओर सुशांतसिंह राजपूत की संदेहास्पद मौत के मामले, अभिनेत्री कंगना रणौतशिवसेना के बीच हुए विवाद तथा पूर्व नौसेना अधिकारी के साथ हुई मारपीट को लेकर राज्य सरकार तथा सीएम उध्दव ठाकरे को आलोचनाओं का शिकार बनाया जा रहा है. साथ ही विरोधी दलों द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की मांग की जा रही है. इन्हीं हालात के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सांसद शरद पवार ने विपक्षियों को आडे हाथ लेते हुए कहा कि, राष्ट्रपति शासन लगाना कोई हंसी-मजाक तथा बच्चों का खेल नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की जरूरत नहीं है. बता दें कि, विगत कुछ दिनों से केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, सांसद नवनीत राणा सहित अन्य कई विपक्षी जनप्रतिनिधियों द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की मांग की गई है.
इन लोगों का कहना है कि, महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में महाराष्ट्र का सामाजिक व सौहार्दपूर्ण वातावरण बिगड चुका है. साथ ही कानून व सुव्यवस्था बनाये रखने में पूरी तरह नाकाम रहने के साथ ही सत्ताधारी दल शिवसेना द्वारा बदले की भावना के तहत अपना विरोध करनेवालों से निपट रही है. ऐसे में राज्य सरकार को बर्खास्त करते हुए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए. जिसे लेकर राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, राष्ट्रपति शासन लगाना कोई हंसी-मजाक तथा बच्चोें का खेल नहीं है.

  •  निलंबित सांसदों के समर्थन में पवार ने किया दिनभर अन्नत्याग

इसके साथ ही राज्यसभा में कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान हंगामा मचाये जाने की वजह से निलंबित किये गये सांसदों द्वारा किये जा रहे अन्नत्याग आंदोलन को समर्थन देते हुए राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने भी मंगलवार को एक दिन का अन्नत्याग आंदोलन किया. मुंबई में आयोजीत एक पत्रकार परिषद में अपने इस निर्णय की जानकारी देने के साथ ही राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि, इस मामले को लेकर आगामी २५ सितंबर को होनेवाले देशव्यापी किसान आंदोलन का वे समर्थन करेंगे. उल्लेखनीय है कि, राज्यसभा में कृषि विधेयक पेश किये जाते समय राकांपा सदस्य सदन में उपस्थित नहीं थे. जिसके चलते इस मामले को लेकर राकांपा की भुमिका के संदर्भ में संदेह व्यक्त किया जा रहा था. ऐसे में राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने इस मामले को लेकर अपनी भुमिका स्पष्ट कर दी है.

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