महाराष्ट्र

राजकुमारी रत्ना सिंह ने वापस ली हाईकोर्ट में दायर याचिका

पति की संपत्ति का कानूनी संरक्षक बनने की थी मांग

  • पूर्व विदेश मंत्री दिनेश सिंह की बेटी हैं प्रतापगढ की पूर्व सांसद सिंह

मुंबई/दि.13 – दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री दिनेश सिंह की बेटी पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह ने खुद को राजस्थान के राजघराने से ताल्लुक रखने वाले पति जयसिंह सिसोदिया (69) व उनकी संपत्ति का कानूनी संरक्षक नियुक्त किए जाने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका को वापस ले लिया है. हाईकोर्ट ने राजकुमारी को इस विषय पर नई याचिका दायर करने की छूट दी है.
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुझाव दिया था कि, वे इस विषय को लेकर संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर करें. इस अनुच्छेद के तहत कोर्ट के पास राहत देने के लिए व्यापक अधिकार हैं. राजकुमारी ने मौजूदा याचिका गर्जियन एंडवार्डन एक्ट के तहत दायर की थी. सुनवाई के दौरान सहायक सरकारी वकील ज्योती चव्हान ने दावा किया था कि, यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है. क्योंकि गर्जियन व वार्डन अधिनियम नाबालिग के मामले में लागू होता है. इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि, इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर करना बेहतर होगा.
मंगलवार को यह याचिका न्यायमूर्ति एनजे जमादार के समक्ष सुनवाई के लिए आयी. कोर्ट के सुझाव के मद्देनजर राजकुमारी की और से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आनंद मिश्रा ने याचिका को वापस ले लिया. इसके बाद न्यायमूर्ति ने याचिकाकर्ता को इस विषय पर नए सिरे से याचिका दार करने की स्वतंत्रता दे दी.
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ से दो बार कांग्रेस की सांसद रत्ना सिंह के पति सिसोदिया फिलहाल वसई के पुनर्वास केंद्र में है. यहां उनका इलाज चल रहा है. राजकुमारी ने याचिका में दावा किया था कि उनके पति को नशे की लत है. उनकी सेहत ठीक नहीं है. वे शुगर से पीडित है. वे बगैर किसी सहायता के चल फिर भी नहीं सकते. वे कैंसर से पीडित हैं. उनके लीवर में भी तकलीफ है. याचिका में कहा गया है कि, जब से उनके पति को अपने कैंसर के बारे में पता चला हैं वे और नशा करने लगे हैं.
याचिका के मुताबिक उनके पति राजस्थान के राजघराने से ताल्लुक रखते हैं, वे महाराणा प्रताप के वंशज है. याचिका में राजकुमारी ने कहा था कि, उनके पति ने ड्रग्स और शराब खरीदने के लिए संपत्ति व कीमती चीजें बेच दी है. पति की ऐसी हरकतों के चलते उनकी मानसिक शांति भंग होती है. याचिका में कहा गया था कि, उनके पति की पूरे भारत सहित विदेश में चल व अचल संपत्ति है. ससुर के भी म्यूचल फंड, शेयर, गहने, पेटिंग व दूसरी संपत्तियां भी है. जिन्हें सुरक्षित रखने के लिए जरुरी है कि, उन्हें पति व उनकी संपत्ति का कानूनी संरक्षक नियुक्त किया जाए.

Back to top button