टिपेश्वर अभयारण्य से दो बाघ लापता
एक नर व एक मादा बाघ कई दिनों से नहीं दिख रहे
यवतमाल /दि.11– यवतमाल जिले के टिपेश्वर अभयारण्य में ‘तालाबवाली’ नामक मादा बाघ व ‘जंजीर’ नामक नर बाघ का विगत कई दिनों से कही कोई अता-पता नहीं है और जारी सीजन में पर्यटन शुरु होने के बाद इन दोनों बाघों की कोई निशानी या हलचल भी दिखाई नहीं दिये है. ऐसे में इन दोनों बाघों के अचानक लापता हो जाने के चलते वन्यजीव प्रेमियों एवं वन्यजीव संवर्धकों में चिंता का वातावरण है.
उल्लेखनीय है कि, टिपेश्वर अभयारण्य से बाघों के लापता होने की यह कोई पहली घटना नहीं है. बल्कि इससे पहले भी इस अभयारण्य से बाघ लापता हुए है. इस अभयारण्य से लापता हुए ‘स्टार’ नामक नर बाघ व ‘पिलखान’ नामक मादा बाघ का आगे चलकर क्या हुआ. यह आज तक किसी को भी पता नहीं चला. यह घटना अभयारण्य में बाघों के संरक्षण हेतु प्रभावी खोज व पडताल व्यवस्था उपलब्ध कराने की जरुरत को अधोरेखित करती है. साथ ही संवर्धन विशेषज्ञों ने वनविभाग से ‘तालाबवाली’ व ‘जंजीर’ नामक बाघों की खोज हेतु त्वरित कार्रवाई करने का आवाहन किया है. जिसके तहत जंगल परिसर में ट्रैप कैमरा लगाने, विशेषज्ञ ट्रैकर की सहायता लेने तथा खोज अभियान चलाने को जरुरी बताया गया है. वहीं दूसरी ओर वनविभाग द्वारा भी इन दोनों बाघों की तलाश हेतु आवश्यक प्रयास करने शुरु किये गये है.
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले उमरेड-पवनी-कर्हाडला अभयारण्य से ‘जय’ नामक नर बाघ तथा ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प से ‘माया’ नामक मादा बाघ लापता हुए थे. साथ ही टिपेश्वर अभयारण्य सहित आसपास के अभयारण्यों से आज तक कई बाघों ने अन्य जगहों पर स्थलांतरण कर लिया है, ऐसी जानकारी भी सामने आयी है. परंतु बाघों द्वारा किये जाते ऐसे स्थलांतरण के चलते क्षेत्र का प्राकृतिक संतुलन बिगड रहा है.